पुलिस कर रही जागरूक, बाथरूम के बाहर लगाएं गैस गीजर
जागरण संवाददाता गाजियाबाद बीते 10 दिन में बाथरूम के अंदर नहाने के दौरान दारोगा समेत दो लोग
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: बीते 10 दिन में बाथरूम के अंदर नहाने के दौरान दारोगा समेत दो लोगों की मौत के बाद थाना सिहानी गेट पुलिस ने जागरूकता अभियान शुरू किया है। पुलिस के मुताबिक दोनों व्यक्तियों के बाथरूम में गैस गीजर आन था। आशंका है कि गीजर चलने से बाथरूम में आक्सीजन की कमी और कार्बन मोनो आक्साइड गैस की अधिकता के कारण दोनों की मौत हुई है। पुलिस ने थाना व सार्वजनिक क्षेत्रों में पंफलेट चिपकवाएं हैं कि गैस गीजर का उपयोग सावधानीपूर्वक करें। ट्विटर व वाट्सएप ग्रुपों पर भी अपील की जा रही है।
एसएचओ सिहानी गेट कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि शनिवार को अलीगढ़ में तैनात दारोगा सतीश कुमार की बाथरूम में मौत हो गई थी। इससे पहले माडल टाउन में सुमित नामक युवक का शव भी उनके बाथरूम से मिला था। दोनों के बाथरूम में लगा गैस गीजर आन था। इस संबंध में चिकित्सकों से बात करने पर सामने आया कि दोनों की मौत का कारण गैस गीजर हो सकता है। इसीलिए गैस गीजर के प्रयोग को लेकर जागरूकता अभियान शुरू किया है। सभी सार्वजनिक स्थानों पर पंफलेट लगाए गए हैं। पुलिस की तरफ चस्पा किए पंफलेट में लिखा है कि सर्दियों में लोग गीजर का प्रयोग करते हैं। गैस गीजर के चलने पर कार्बन मोनो आक्साइड व नाइट्रो आक्साइड गैस निकलती है और आक्सीजन की कमी हो जाती है। यदि बाथरूम में वेंटिलेशन नहीं होता है तो कार्बन मोनो आक्साइड शरीर में जाकर जानलेवा बन जाती है। इससे व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। अपील की गई है कि गैस गीजर बाथरूम से बाहर लगाएं और बाथरूम में भी वेंटिलेशन की व्यवस्था जरूर हो।
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गैस गीजर के प्रयोग को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। बीते 10 दिन में थाना सिहानी गेट क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो चुकी है और दोनों के ही बाथरूम में गैस गीजर चल रहा था।
- कृष्ण गोपाल शर्मा, एसएचओ, सिहानी गेट। गैस गीजर के चलने पर आक्सीजन की कमी होती है और कार्बन मोनो आक्साइड निकलती है। बाथरूम में पर्याप्त वेंटिलेशन नहीं है तो जहरीली गैस शरीर में जाकर खून की आक्सीजन मात्रा को बहुत कम कर देती है। इसका दिमाग और शरीर के अन्य अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए गैस गीजर को बाथरूम से बाहर ही लगवाएं।
- डॉ. आशीष अग्रवाल, अध्यक्ष, आइएमए