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आइएमटी पर लगे आरोपों की जांच पूरी, नोटिस भेजा

देश के नामी प्रबंधन शिक्षण संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (आइएमटी) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आइएमटी प्रबंधन पर जमीन कब्जाने के आरोपों की जीडीए ने जांच पूरी कर ली है। इस मामले में नोटिस भेज प्रबंधन को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। जीडीए वीसी ने बताया कि बिना पक्ष सुने एक पक्षीय कार्रवाई करना न्यायोचित नहीं होगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 09:19 PM (IST)
आइएमटी पर लगे आरोपों की जांच पूरी, नोटिस भेजा
आइएमटी पर लगे आरोपों की जांच पूरी, नोटिस भेजा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : देश के नामी प्रबंधन शिक्षण संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (आइएमटी) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आइएमटी प्रबंधन पर जमीन कब्जाने के आरोपों की जीडीए ने जांच पूरी कर ली है। इस मामले में नोटिस भेज प्रबंधन को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। जीडीए वीसी ने बताया कि बिना पक्ष सुने एक पक्षीय कार्रवाई करना न्यायोचित नहीं होगा।

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पार्षद राजेंद्र त्यागी ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में बताया था कि राजनगर सेक्टर-20 में साहिबाबाद स्थित लाजपतराय कॉलेज के लिए वर्ष 1968 में गाजियाबाद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (अब जीडीए) ने लाजपतराय स्मारक महाविद्यालय सोसायटी को 54049.25 वर्ग गज भूमि रियायती दर पर 96,606.71 रुपये में आवंटित की थी। सात अक्टूबर 1971 को इसकी लीज निष्पादित हुई। इसी जमीन को आधार बनाकर मेरठ विश्वविद्यालय से कॉलेज की स्थाई मान्यता ली गई। इस जमीन पर हॉस्टल बनाना प्रस्तावित किया गया था। पार्षद ने आरोप लगाया था कि ऐसा न करके इस जमीन पर अवैध तरीके से आइएमटी बना दिया गया। इसमें एमबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई होती है। लाखों रुपये छात्र-छात्राओं से लिए जा रहे हैं। जोकि, लीज की शर्तों का उल्लंघन है। इस जमीन पर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट नहीं बन सकता। सस्ती दरों पर जमीन रियायती शिक्षा के लिए दी जाती है। आइएमटी इस शर्त को भी पूरा नहीं करता। उनका आरोप था कि आइएमटी प्रबंधन ने आंखों मे धूल झोंकने के इरादे से बीच में सोसायटी का नाम बदल कर लाजपतराय एजुकेशनल सोसायटी द्वारा- इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी राजनगर कर दिया। यह आरोप भी लगाया कि आइएमटी प्रबंधन ने जीडीए की 10841 वर्ग गज जमीन पर अवैध कब्जा कर गैर कानूनी तरह से 2016 में रिवाइज्ड मानचित्र पास करा लिया। इस जमीन पर निर्माण कर आइएमटी का विस्तार कर लिया। उनके मुताबिक इस जमीन की वर्तमान कीमत 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है। उनका आरोप यह भी था कि आइएमटी के लिए साहिबाबाद के लाजपतराय कॉलेज के अस्तित्व को खतरे में डाला गया। जिस जमीन के आधार पर कॉलेज को मान्यता मिली, वही जमीन कॉलेज संचालक प्रबंधन सोसायटी के कब्जे में नहीं है।

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आइएमटी पर लगे आरोपों की जांच कर ली गई है। आइएमटी प्रबंधन को नोटिस दिया गया है। एक सप्ताह में अपना पक्ष रखने का मौका दिया है। उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।

- कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए


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