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एक दशक में सुधरी पुलिसिग, बेहतरी की उम्मीद

--------- आशुतोष गुप्ता गाजियाबाद पिछले एक दशक में जिले में पुलिसिग में काफी सुधार आया ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 09:13 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 09:13 PM (IST)
एक दशक में सुधरी पुलिसिग, बेहतरी की उम्मीद

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आशुतोष गुप्ता, गाजियाबाद

पिछले एक दशक में जिले में पुलिसिग में काफी सुधार आया है। शास्त्रीनगर के रहने वाले साइबर क्राइम एवं आपरेशन के एडवाइजर ईशान सिन्हा का इसमें काफी योगदान है। इस समय ईशान जम्मू-कश्मीर में सेना के लिए काम कर रहे हैं। गाजियाबाद पुलिस से वह वर्ष 2013 में जुड़े और साइबर सेल व क्राइम ब्रांच का पहली बार व्यवस्थित सेटअप तैयार किया। पुलिसकर्मियों को विशेष टूल, साफ्टवेयर, एप व कई तकनीक उपलब्ध कराई और सर्विलांस की टीमों को अपडेट किया। उनकी तकनीक से कई दिनों का काम कुछ मिनट में होने लगा। ईशान ने ही पुलिस को इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट को ट्रेस करने के लिए आइजी-80 टूल बनाकर दिया। एक साल चले किसान आंदोलन में भी पुलिस ने ईशान को गाजियाबाद बुलाया और उनकी मदद ली। आज भी एक पुलिसकर्मी के जिम्मे है 1067 लोगों की सुरक्षा

पिछले दो दशक में गाजियाबाद ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। जिले की सभी सीमाएं दिल्ली से जा मिलीं। किसी भी व्यक्ति के साथ छोटी से छोटी कोई भी समस्या होती है तो उन्हें सबसे पहले पुलिस की ही याद आती है और पुलिस ही मौके पर सबसे पहले पहुंचती है। यदि कोई वारदात होती है तो पुलिस की कार्यशैली सबसे पहले कठघरे में दिखाई देती है जबकि वास्तविक स्थिति कुछ अलग है। जिले में एक पुलिसकर्मी के जिम्मे 1067 लोगों की सुरक्षा है। जबकि संयुक्त राष्ट्र के मानकों के मुताबिक एक पुलिसकर्मी पर 222 लोगों की सुरक्षा होनी चाहिए। जिले में वर्तमान में 8600 पुलिसकर्मियों के पद स्वीकृत हैं, इनमें से जिले में कुल 4682 पुलिसकर्मी जिले में मौजूद हैं जबकि 3922 पुलिसकर्मियों की कमी से जिला जूझ रहा है। जिले की जनसंख्या के हिसाब से स्वीकृत पदों की संख्या भी काफी कम है, पिछले करीब छह वर्षों से पुलिसकर्मियों का नया नियतन स्वीकृत नहीं हुआ है।

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वर्तमान में हैं जिले में 22 थाने

जिले में वर्तमान में 22 थाने हैं। इनमें विजयनगर, नगर कोतवाली, सिहानी गेट, कविनगर, मधुबन बापूधाम, नंदग्राम, इंदिरापुरम, खोड़ा, कौशांबी, साहिबाबाद, लिकरोड, टीला मोड़, लोनी, लोनी बॉर्डर, ट्रोनिका सिटी, मोदीनगर, निवाड़ी, भोजपुर, मसूरी, मुरादनगर, महिला थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग थाना शामिल हैं। छह साल में मिले सात नए थाने

जिले में पिछले छह साल में जिले को सात नए थाने मिले। इनमें लोनी बॉर्डर, ट्रोनिका सिटी, खोड़ा, टीला मोड़, कौशांबी, नंदग्राम, मधुबन बापूधाम शामिल हैं। पांच नए थाने प्रस्तावित

जिले में पूर्व में पांच नए थाने प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें शालीमार गार्डन पहले से ही प्रस्तावित है जबकि वर्तमान एसएसपी पवन कुमार ने वेवसिटी, क्रासिग रिपब्लिक, नीतिखंड व अंकुर विहार थाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। गठित किया गया साइबर सेल

जिले में बढ़ती हुई साइबर ठगी की घटनाओं को देखते हुए पिछले वर्ष तत्कालीन एसएसपी कलानिधि नैथानी ने नगर कोतवाली में साइबर सेल का गठन किया था। पिछले एक साल में साइबर सेल ने साइबर ठगी के कई बड़े मामलों का पर्दाफाश किया और बड़ी संख्या में लोगों के खातों में रकम वापस पहुंचाई है।

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वर्तमान में जिले में पुलिसकर्मियों की स्थिति

- जिले में कुल स्वीकृत पुलिसकर्मी : 8600

- जिले में पुलिसकर्मियों की उपलब्धता : 4682

- जिले में पुलिसकर्मियों की कमी : 3922

- 10 वर्ष पूर्व जिले में पुलिसकर्मियों की संख्या : 4220

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सिविल पुलिस के मुख्य पदों पर स्थिति

पद - स्वीकृत - उपलब्धता - रिक्त

निरीक्षक - 71 - 54 - 17

उपनिरीक्षक - 1862 - 447 - 1415

हेडकांस्टेबल - 2186 - 1531 - 655

कांस्टेबल - 3375 - 1759 - 1616

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पिछले दो दशक में अपराध में कमी आई है। साइबर सेल का गठन, नए थाने और सर्विलांस में पुलिस को खासी उपलब्धता मिली। हालांकि अपराधी भी तकनीकी रूप से मजबूत हुए हैं। डकैती की जगह लूट की घटनाएं बढ़ी हैं। बेहतर पुलिसिग के लिए विभाग में नियतन बढ़ाने की आवश्यकता है।

-पीपी कर्णवाल, सेवानिवृत डिप्टी एसपी पिछले कुछ सालों में नए थाने सृजित किए गए हैं। पांच नए थानों का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते के साथ ही नए थाने बनाए जाएंगे। जिले मौजूदा संसाधनों से साथ बेहतर काम करने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें पुलिस को सफलता भी मिल रही है।

-पवन कुमार, एसएसपी, गाजियाबाद


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