अपने ही जाल में फंस गए अवैध निर्माण करने वाले
लॉकडाउन में निर्माण कार्य की छूट का कुछ लोग गलत तरीके से फायदा उठाने का मौका तलाश रहे हैं। उन्होंने जानकारी छुपाते हुए अवैध निर्माण शुरू करने के लिए आवेदन किया है। लेकिन जीडीए ने स्वीकृत नक्शा न होने पर ऐसे लोगों को उनके ही जाल में फंसा दिया है। ऐसे निर्माणों की सूची कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को दी जा रही है। जीडीए अधिकारियों ने अपने प्रवर्तन प्रभारियों से तो कार्रवाई की रिपोर्ट तक मांग ली है।
- लॉकडाउन तीन में निर्माण को लेकर मिली छूट का गलत फायदा उठाने की कर रहे थे कोशिश
- नक्शा जांचने की प्रक्रिया में अवैध निर्माण करने वाले अपने ही जाल में फंस गए
- तीन दिन में 18 अवैध निर्माण चिह्नित कर लिए गए, अब कार्रवाई होगी
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
लॉकडाउन में निर्माण कार्य की छूट का कुछ लोग गलत तरीके से फायदा उठाने का मौका तलाश रहे हैं। उन्होंने जानकारी छुपाते हुए अवैध निर्माण शुरू करने के लिए आवेदन किया है। लेकिन जीडीए ने स्वीकृत नक्शा न होने पर ऐसे लोगों को उनके ही जाल में फंसा दिया है। ऐसे निर्माणों की सूची कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को दी जा रही है। जीडीए अधिकारियों ने अपने प्रवर्तन प्रभारियों से तो कार्रवाई की रिपोर्ट तक मांग ली है।
लॉकडाउन-तीन में दी गई रियायतों के तहत निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी जा रही है। तीन दिन से चल रहे सिलसिले में 122 से ज्यादा आवेदन आए हैं। उनमें से 98 में निर्माण शुरू करने की इजाजत दी गई है। आवेदनकर्ताओं में 18 लोग ऐसे भी सामने आए, जो लॉकडाउन से पहले ही अवैध निर्माण कर रहे थे। लॉकडाउन लागू होने के कारण उनका निर्माण कार्य रुक गया। अब जब इजाजत मिल रही है तो उन्होंने निर्माण शुरू करने के लिए आवेदन कर दिया। जीडीए अधिकारियों की मानें तो इन लोगों ने जानबूझ कर आवेदन किया है। उन्हें लगा इस वक्त जांच-पड़ताल ज्यादा नहीं होगी। किसी तरह सरकारी कागज पर अनुमति मिल जाएगी तो अवैध निर्माण करना आसान हो जाएगा। भविष्य में भी दिक्कत नहीं होगी। अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों ने आवेदन फॉर्म पर नक्शे की संख्या खाली छोड़ दी है या गलत लिखी है। उन्होंने बताया कि अनुमति से पहले नक्शे की गहन जांच की जा रही है। उसमें अवैध निर्माण पकड़ में आए हैं। ऐसे निर्माणों पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि छह आवेदन विचाराधीन हैं।
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18 आवेदन ऐसे आए हैं, जो अवैध निर्माण से जुड़े थे। कुछ ने मानचित्र संख्या नहीं बताई तो कई ने गलत संख्या भर अनुमति लेने का प्रयास किया। ये आवेदनकर्ता गलत तरीके से अनुमति लेने का प्रयास कर रहे थे। ताकि वे इस अनुमति के सहारे अवैध निर्माण कर सकें। अब इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए