शासन ने जीडीए से पूछा, अब तक कितना शुल्क वसूला
¨हडन एलिवेटेड रोड और मेट्रो कॉरिडोर बनाने पर हुए खर्चे की सेस और शुल्क के रूप में वसूली को लेकर शासन ने जीडीए को पत्र भेजा है। पूछता है कि अब तक कितनी वसूली की गई है। जीडीए अधिकारी इसकी गणना करने में जुटे हुए हैं। एक सप्ताह के भीतर उन्हें जवाब भेजना है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : ¨हडन एलिवेटेड रोड और मेट्रो कॉरिडोर बनाने पर हुए खर्चे की सेस और शुल्क के रूप में वसूली को लेकर शासन ने जीडीए को पत्र भेजा है। पूछता है कि अब तक कितनी वसूली की गई है। जीडीए अधिकारी इसकी गणना करने में जुटे हुए हैं। एक सप्ताह के भीतर उन्हें जवाब भेजना है।
राजनगर एक्सटेंशन से यूपी गेट तक ¨हडन एलिवेटेड बनाने में 1147 करोड़ रुपये की लागत आई थी। इसका निर्माण कार्य शुरू होने से पहले तय हुआ था कि इस पर किए जा रहे खर्च की वसूली राजनगर एक्सटेंशन में संपत्ति खरीदने वालों से की जाएगी। 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से एलिवेटेड रोड चार्ज लिया जाएगा। सूत्रों की तानें तो अब तक इस मद में मात्र 70 करोड़ रुपये जीडीए के पास आया है। कुछ लोगों ने यह चार्ज वसूलने पर आपत्ति जताते हुए याचिका भी दायर की थी। वहीं दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा तक मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण में 2210 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। जिसमें से एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान जीडीए, आवास विकास परिषद और यूपीएसआइडीसी डीएमआरसी को कर चुका है। तय हुआ था कि मेट्रो कॉरिडोर के दोनों तरफ 500 मीटर की दूरी तक संपत्ति खरीदने और घर बनाने पर मेट्रो सेस लिया जाएगा। प्रवर्तन जोन-एक में संपत्ति खरीदने और शमन कराने पर ¨हडन रिवर स्टेशन बनाने के एवज में 300 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मेट्रो स्टेशन शुल्क लिया जाएगा। अब तक इस मद में करीब 20 करोड़ रुपये आया है। शासन ने जीडीए से वसूली की जानकारी मांगी है। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि शासन ने जानकारी मांगी है। वसूली का ब्योरा तैयार कराया जा रहा है।