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प्रदेश में होम आइसोलेशन के मरीजों को गाजियाबाद माडल पर मिलेगी आक्सीजन

अभिषेक सिंह गाजियाबाद आक्सीजन को लेकर मारामारी है। जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं उनके अला

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 11:45 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 11:45 PM (IST)
प्रदेश में होम आइसोलेशन के मरीजों को गाजियाबाद माडल पर मिलेगी आक्सीजन
प्रदेश में होम आइसोलेशन के मरीजों को गाजियाबाद माडल पर मिलेगी आक्सीजन

अभिषेक सिंह, गाजियाबाद: आक्सीजन को लेकर मारामारी है। जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं उनके अलावा होम आइसोलेशन में भी रह रहे मरीजों को आक्सीजन की आवश्यकता है। इसके लिए उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद माडल की तर्ज पर मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध करवाई जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक दिन पहले गाजियाबाद में मरीजों के लिए की गई व्यवस्था को प्रदेश में अपनाने का निर्णय लिया है। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

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प्रदेश में गृह गोपन, वीजा पासपोर्ट, कारागार एवं सतर्कता विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसके लिए साफ्टवेयर तैयार करवाने का निर्णय टीम-9 की बैठक में लिया गया है। सॉफ्टवेयर तैयार करवाने में मदद के लिए गाजियाबाद जिले के नोडल अधिकारी सेंथिल पांडियन सी और गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर को नामित किया गया है। उम्मीद है कि साफ्टवेयर एक-दो दिन में तैयार कर लिया जाएगा।

ये है व्यवस्था: गाजियाबाद में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए उनके तीमारदारों को फिलहाल खाली सिलेंडर का इंतजाम खुद करना पड़ता है। इस खाली सिलेंडर को जमा करवाकर उनको 36 घंटे में आक्सीजन दिलाने की व्यवस्था की गई है। एक-दो दिन में यह समयावधि घटाकर 20-24 घंटे तक की जाएगी। यह व्यवस्था जिले में बुधवार से शुरू हुई है। बृहस्पतिवार को 238 सिलेंडर मरीजों के तीमारदारों द्वारा जमा कराए गए हैं।

अस्पतालों में गाजियाबाद की तरह हो औचक निरीक्षण: बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद की तर्ज पर ही अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने और खाली बेड होने के बावजूद अस्पताल में बेड फुल बताने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और बेडों पर जरूरतमंद मरीजों को भर्ती करवाने के निर्देश दिए हैं।

बयान

प्रदेश सरकार ने होम आइसोलेशन के मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए गाजियाबाद के माडल पर कार्य करने का निर्णय लिया है। इसके लिए साफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। साफ्टवेयर बनने से मरीजों को और आसानी से आक्सीजन मिलेगी।

- सेंथिल पांडियन सी, नोडल अधिकारी, गाजियाबाद


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