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राज्यपाल ने महिलाओं को वितरित किए चेक

जागरण संवाददाता साहिबाबाद आइटीएस कालेज में कामयाबी की बुलंदी छूने वाली स्वयं सहायता समूह

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 09:21 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 09:21 PM (IST)
राज्यपाल ने महिलाओं को वितरित किए चेक

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : आइटीएस कालेज में कामयाबी की बुलंदी छूने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चेक वितरित किए। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को गोल्डन कार्ड और टीबी से पीड़ित बच्चों को गोद लेने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। राज्यपाल को सुबह 11 बजे हेलीकाप्टर से कार्यक्रम में आना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण वह रोड से सवा 12 बजे कार्यक्रम में पहुंची।

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कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, महापौर आशा शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी, सीसीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा, एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनीत कंसल आदि उपस्थित रहे। आइटीएस कालेज स्थित अलग-अलग हाल में तीन कार्यक्रम थे। देरी होने की वजह से आंगनबाड़ी महिलाओं का कार्यक्रम पहले ही संपन्न हो गया। राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूह और टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने वाले सम्मान समारोह कार्यक्रम में ही हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। चेकिग के बाद ही कालेज में प्रवेश दिया गया।

130 महिलाओं को किया रिहा

कार्यक्रम में आनंदीबेन पटेल ने कहा कि 80 साल की महिलाएं जेल जाती हैं तो उनकी क्या स्थिति होती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्होंने कहा कि जो महिलाएं चल नहीं सकती है, उम्र ज्यादा हो चुकी है। उन महिलाओं को रिहा करने पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताई और 130 महिलाओं को रिहा किया। उन्होंने महिलाओं को राजभवन में बुलाया और उनको शपथ दिलाई कि वह फिर से अपने घर इस प्रकार की स्थिति पैदा नहीं करेंगी। बाल विवाह पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने यूनिवर्सिटी के कुलपतियों से बोला है कि एक अध्यापक 15-20 छात्राओं को जोड़ेंगे। यदि कम उम्र में बेटियों की शादी होती है तो उनके घर जाकर परिवार को समझाने की कोशिश करें। उनका खुद का बड़ा भाई कम उम्र में बेटे की शादी कर रहा था। वह खुद पुलिस ले गई और शादी रुकवाई। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ 12-13 साल काम किया है। महिलाओं की सभा में प्रधानमंत्री बोलते थे जब तक महिला शक्ति राज्य के विकास में नहीं जुड़ेंगी तब तक राज्य का विकास नहीं होगा। पटेल समाज में बहुत दहेज लिया जाता था। उस दौरान यदि सरदार वल्लभ भाई पटेल के पास शादी का निमंत्रण पत्र आता तो उनका पहला प्रश्न होता था कि आपने कितने में बेटा बेचा है? उन्होंने दहेज प्रथा के खिलाफ इतनी मुहिम चलाई कि गुजरात में उसका खात्मा हो गया। ज्यादा पढ़ा-लिखा लड़का तो ज्यादा दहेज मांगता है। दहेज प्रथा को महिला शक्ति खत्म कर सकती है।


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