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जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना को लगेंगे पंख

देश में चुनावी मौसम है, लेकिन प्रदेश सरकार ने चुनाव से पहले जमीनी बजट पेश किया है। बजट में सभी वर्ग व समुदाय को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया गया। इसमें जहां पर्यटन, ¨हदू धार्मिक स्थलों के लिए बजट में घोषणाएं की गई हैं, वहीं अरबी फारसी मदरसों के अलावा अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए भी खजाने का मुंह खोला गया है। वहीं, उद्योगों को बढ़ावा देने एवं रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए भी सरकार ने ख्याल रखा है। प्रदेश सरकार की ओर से

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 08:06 PM (IST)
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना को लगेंगे पंख
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना को लगेंगे पंख

जासं, गाजियाबाद : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में 19 हजार 360 फ्लैट बनाने की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। इस रिपोर्ट में जीडीए ने 15 हजार 144 फ्लैट प्रस्तावित किए हैं। निजी विकासकर्ता 4216 फ्लैट बनाएंगे। जीडीए का साल 2018 में 13 हजार 500 मकान की डीपीआर स्वीकृत कराने का लक्ष्य था, जिसमें 9 हजार 786 मकानों की डीपीआर शासन से स्वीकृत करा सका। मसूरी, मधुबन-बापूधाम, डासना, प्रताप विहार, निवाड़ी, अकबरपुर-बहरामपुर, कोयल एंक्लेव, नूरनगर में फ्लैट बनाए जाएंगे। इसके अलावा निजी विकासकर्ताओं ने नूरनगर, मोरटा, पसौंडा, रसूलपुर सिकरोड, महरौली में 4216 फ्लैट बनाने प्रस्तावित किए हैं। बजट में मिलने वाली धनराशि से इस योजना के पूरा होने में तेजी आना तय है। परिचर्चा

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सरकार ने बेहतर पॉलिसी के अनुरूप बजट पेश किया है। इसमें मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, ओडीओपी, सीएफसी, इंवेस्टर्स समिट, हस्तशिल्प वितरण प्रोत्साहन के अलावा हथकरघा व लघु उद्योगों को ध्यान में रखा है। इससे निश्चित रूप से छोटे-बड़े उद्यमियों को लाभ मिलेगा। पिछले बजट का सभी पैसा योजनाओं के लिए मिला है, जो धरातल में चल रही हैं।

- बीरेन्द्र कुमार, उपायुक्त जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र प्रदेश के बजट में उद्यमियों के लिए नया कुछ नहीं है। सरकार को चाहिए कि जो घोषणाएं की गई थी उनकी जमीनी हकीकत की जांच कराती। क्या उन लोगों को इसका लाभ मिल रहा है, जिन्हें ध्यान में रखते हुए सरकार ने घोषणाएं की थीं। चाहे वह उद्योगों के लिए ऋण का मामला हो या फिर ओडीओपी के तहत मिलने वाली सुविधाओं का। इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।

- नीरज ¨सघल, आइआइए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगी आदित्यनाथ सरकार से जिस बजट की हमने आशा की थी, यह बजट उस अपेक्षा के अनुरूप है। बेसहारा पशुओं के लिए सरकार ने अपने बजट में जो घोषणाएं की हैं। इससे लोगों को राहत मिलेगी। आम तौर पर देखा जाता है कि सियासी हित साधने के लिए राजनीतिक पार्टियां प्रलोभन वाले बजट पेश करती आ रही हैं। यह प्रदेश की जनता के लिए बेहतर बजट है।

- अमित आर्यन, राष्ट्रीय अध्यक्ष जय शिव सेना सरकार अगर मदरसों और उसमें पढ़ने वाले बच्चों के मुस्तकबिल को लेकर फिक्रमंद है तो यह काबिल-ए तारीफ है। अगर ग्रांट देकर तालीमी ढांचे में तब्दीली के लिए दखल दे तो गलत भी है। दीनी और दुनियावी तालीम अलग-अलग हैं, जो एक साथ नहीं चल सकती। बजट के मुताबिक सरकार जो ग्रांट दे उसकी मॉनीट¨रग कराये कि जिस मद में पैसा जारी किया गया है वह किस काम आ रहा है।

- मौलाना अदनान मुरसलीन कासमी

इंतजामिया मदरसा, अल जमीयत इस्लामिया लिल बनातिस सालिहात


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