Delhi Blast: विस्फोट के बीच बची जिंदगी, एटीएस ने घायल चश्मदीद से मिलकर जाना आंखों देखा हाल
दिल्ली विस्फोट में घायल हुए युवक से मिलकर एटीएस ने उसका हाल चाल जाना। मामले प्रत्यक्षदर्शियों से बात करके एटीएस घटना की जानकारी जुटा रही है। जांच दल विस्फोट के कारणों का पता लगाने में जुटा है और सभी पहलुओं पर ध्यान दे रहा है।
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संवाद सहयोगी, लोनी। दिल्ली के लाल किले के सामने सोमवार शाम हुए भयंकर विस्फोट की चपेट में आने से लोनी थाना क्षेत्र निवासी दाऊद भी घायल हो गए। उपचार के बाद वह सोमवार देर रात घर पहुंचे तो स्वजन ने राहत की सांस ली। घटना के चश्मदीद घायल से सोमवार दोपहर आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम पूछताछ करने के लिए पहुंची और आंखों देखा हाल जाना। टीम कई बिंदुओं पर पूछताछ के बाद वापस लौट गई।
अशोक विहार कॉलोनी निवासी दाऊद लोनी स्थित एक फैक्ट्री में काम करते हैं। यहां वह पत्नी चांदनी, बेटी जिगरा, मां सलमा, भाई सूफियान, बहन आमीन के साथ रहते हैं। वह मूल रूप से बिजनौर के महमुदा बाद गांव के रहने वाले। सोमवार शाम करीब छह बजे वह फैक्ट्री से दिल्ली स्थित मीना बाजार एक दुकान पर प्लास्टिक मोल्डिंग की मशीन लेने के लिए बाइक से गए थे।
जब वह लाल किले के सामने पहुंचे तो अचानक उनकी पीठ के पीछे धमाका हो गया। विस्फोट से वह सड़क पर गिरकर घायल हो गए। उन्होंने बताया कि धमाका इतना तेज था कि कुछ देर तक उन्हें कुछ भी सुनाई नहीं दिया और चारों ओर घना धुआं फैल गया। कुछ लोग चीख रहे थे और कुछ भाग रहे थे। कुछ खून से लथपथ पड़े थे।
दाऊद ने बताया कि पैर में चोट आने के कारण वह चल नहीं पा रहे थे, उन्हें किसी तरह डिवाइडर पर बैठाया गया। कुछ लोग घायलों को उठाकर अस्पताल ले जा रहे थे। इस दौरान वहां पहुंची पुलिस ने लोगों की सहायता से उन्हें भी अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने मामले की सूचना अपने छोटे भाई सुफियान को दी।
चिकित्सकों द्वारा उपचार के बाद छुट्टी मिलने पर भाई सूफियान के साथ रात साढ़े 11 बजे घर लेकर पहुंचे। सोमवार दोपहर को उनके घर नोएडा एटीएस की टीम पहुंची और घटना के बारे में जानकारी ली। दाऊद ने टीम को आपबीती व आंखों देखा हाल बताया। इसके बाद टीम वापस लौट गई।

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