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लोन का झांसा दिलाकर करा दी पॉलिसी, पुलिस नहीं सुन रही

लोन देने का झांसा देकर पॉलिसी कर देने का एक और मामला सामने आया है। पॉलिसी के बाद कॉल करने वालों ने नंबर बंद कर लिया जबकि पुलिस मामले की सुनवाई नहीं कर रही है। गौर हो कि 12 मार्च को सिहानी के नूरनगर में बेटा-बेटी को रसमलाई में जहर देकर खुद फांसी लगाने वाले युवक ने भी अपने सुसाइड नोट में इसी तरह के फर्जीवाड़े का जिक्र किया था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 08:24 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 06:26 AM (IST)
लोन का झांसा दिलाकर करा दी पॉलिसी, पुलिस नहीं सुन रही
लोन का झांसा दिलाकर करा दी पॉलिसी, पुलिस नहीं सुन रही

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : लोन दिलाने का झांसा देकर पॉलिसी कर देने का एक और मामला सामने आया है। पॉलिसी के बाद कॉल करने वालों ने नंबर बंद कर लिया, जबकि पुलिस मामले की सुनवाई नहीं कर रही है। गौर हो कि 12 मार्च को सिहानी के नूरनगर में बेटा-बेटी को रसमलाई में जहर देकर खुद फांसी लगाने वाले युवक ने भी अपने सुसाइड नोट में इसी तरह के फर्जीवाड़े का जिक्र किया था।

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मोहननगर की न्यू करहेड़ा कालोनी में रहने वाले विदेश्वर प्रसाद पांडेय हॉलीडे पैकेज की बुकिग करते हैं। काम बढ़ाने के लिए लोन लेने को उन्होंने कई बैंकों में आवेदन दिया था। दो माह पूर्व उनके पास कॉल आई और 10 लाख रुपये के लोन की बात कही। कॉलर ने लोन के लिए पॉलिसी की जरूरत बताई। उन्हें बताया गया कि 12 साल की पॉलिसी के लिए हर साल 44 हजार रुपये प्रीमियम के रूप में देने होंगे। 12 साल बाद पॉलिसी मेच्योर होने पर उन्हें करीब 13 लाख रुपये मिलेंगे, जिनमें से लोन की राशि काटकर बाकी उन्हें दे दिया जाएगा। साथ ही कहा गया कि लोन की राशि में से जितने पैसे निकालोगे, ब्याज भी सिर्फ उसी पर देना होगा। इस दौरान लोन की भी कुछ किस्त देने की बात कही गई थी। विदेश्वर ने 44 हजार रुपये के प्रीमियम की पॉलिसी करा ली। इसके बाद कॉलर टाल-मटोल करने लगे और फिर कुछ दिन बाद नंबर बंद कर लिया। आफिस आकर किया था सत्यापन

विदेश्वर को कॉलर की ओर से पीएनबी मेटलाइफ गारंटीड इनकम प्लान दिया गया है, जिसके दस्तावेज भी मिल चुके हैं। उनसे महिला समेत तीन लोगों ने बात की थी और दो लोग सत्यापन के लिए आफिस भी आए थे। इसी कारण उन्हें भरोसा हो गया। आरोपितों ने बताया कि वे गुरुग्राम स्थित एक बैंक शाखा में कार्यरत हैं। इसी बैंक से लोन कराने का प्रलोभन दिया था। दिए गए पते पर गए तो ब्रांच मैनेजर ने उक्त नाम के कर्मचारियों के उनके यहां काम करने से इन्कार किया। साथ ही बताया कि धोखे से लोन के नाम पर उन्हें इन्वेस्टमेंट प्लान दिया गया है।

किया गया था पड़ताल का दावा

नूरनगर में बच्चों को जहर दे खुद फांसी लगाने वाले पप्पू ने भी अपने सुसाइड नोट के अंतिम पेज पर इसी तरह के लोन की बात लिखी थी। उनसे 50 हजार रुपये लेकर पॉलिसी तो एक्टिव कर दी, लेकिन लोन की राशि नहीं दी गई। लाखों के कर्जे में डूबे पप्पू ने लिखा था, यदि आज लोन के पैसे नहीं मिले तो वह अपनी जिदगी खत्म कर लेगा। लोन के नाम पर पॉलिसी कर ठगी करने वाले गिरोह की पड़ताल में टीम लगी हुई है। इसमें कई सुराग हाथ लगे हैं। विदेश्वर के मामले में संबंधित थाने को जांच के आदेश दिए गए हैं।

- श्लोक कुमार, एसपी सिटी।


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