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पूर्व मंत्री अंटू मिश्रा व बाबू ¨सह कुशवाहा समेत चार पर आरोप तय

एनआरएचएम घोटाले के एक मामले में शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर ¨सह की अदालत ने यूपी के दो पूर्व मंत्री बाबू ¨सह कुशवाहा व अनंत कुमार उर्फ अंटू मिश्रा समेत चार पर आरोप तय किए। मामले में सुनवाई को अगली तारीख 2

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 07:49 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 07:49 PM (IST)
पूर्व मंत्री अंटू मिश्रा व बाबू ¨सह कुशवाहा समेत चार पर आरोप तय
पूर्व मंत्री अंटू मिश्रा व बाबू ¨सह कुशवाहा समेत चार पर आरोप तय

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : एनआरएचएम घोटाले के एक मामले में शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर ¨सह की अदालत ने यूपी के दो पूर्व मंत्री बाबू ¨सह कुशवाहा व अनंत कुमार उर्फ अंटू मिश्रा समेत चार पर आरोप तय किए। मामले में सुनवाई को अगली तारीख 28 सितंबर नियत की गई है।

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लोक अभियोजक ने बताया कि एनआरएचएम योजना के तहत हुए घोटाले का यह मामला वर्ष 2007-11 का है। इसमें सीबीआइ ने यूपी के पूर्व मंत्री बाबू ¨सह कुशवाहा, अनंत कुमार मिश्रा उर्फ अंटू मिश्रा, दवा कारोबारी महेंद्र कुमार पांडेय व रईस आलम सिद्दीकी आरोपित हैं। आरोप है कि उपरोक्त मंत्रियों ने पद का दुरुपयोग कर साजिश के तहत दवा खरीदारी नियंत्रित करने के लिए सीएमओ स्वास्थ्य के अतिरिक्त सीएमओ परिवार कल्याण यानि डीपीओ के पद सृजित किए। वरिष्ठता के नियमों को ताक पर रखकर 72 जिलों में दवा कारोबारियों के कहने पर डीपीओ यानि सीएमओ परिवार कल्याण नियुक्त किए गए। नियुक्ति के एवज में प्रत्येक से 15-20 लाख रुपये की रिश्वत दवा कारोबारियों के माध्यम से ली गई। इसके बाद साजिश के तहत दवा कारोबारियों ने दवा आपूर्ति के आदेश जारी कराकर सरकार को करोड़ों रुपये नुकसान पहुंचाया। इस मामले में शुक्रवार को अदालत ने उपरोक्त आरोपितों पर आरोप तय किए। सुनवाई के दौरान चारों पेश हुए।

अवैध तरीके से पैसा कमाने के मामले में पेश हुआ पूर्व मंत्री

जासं, गाजियाबाद : भ्रष्ट तरीके से पैसा कमाने के मामले में आरोपित पूर्व मंत्री अनंत कुमार उर्फ अंटू मिश्रा शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश हुए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सुनवाई को अगली तारीख 28 सितंबर नियत की। इस मामले में उसके पिता दिनेश कुमार मिश्रा व मां बिमला मिश्रा भी आरोपित हैं लेकिन स्थायी हाजिरी माफी होने के चलते वह दोनों पेश नहीं हुए। मामला वर्ष 2007-11 का है। आरोप है कि अंटू मिश्रा ने यूपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए पद का दुरुपयोग कर विभिन्न चिकित्सकों को अलग-अलग जनपदों में सीएमओ के रूप में रिश्वत लेकर नियुक्त किया। अवैध माध्यमों से प्राप्त हुई करीब 27 करोड़ की काली कमाई को अंटू मिश्रा ने पिता व मां की मात्र पेपर पर बनाई गई कंपनियों के माध्यम से काली कमाई को सफेद किया।


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