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जनपद के रिहायशी इलाकों में पांच हजार औद्योगिक इकाइयों फैला रही प्रदूषण

जागरण संवाददाता गाजियाबाद शहर के अलावा मोदीनगर-मुरादनगर साहिबाबाद और लोन

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 08:31 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 08:31 PM (IST)
जनपद के रिहायशी इलाकों में पांच हजार औद्योगिक इकाइयों फैला रही प्रदूषण

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : शहर के अलावा मोदीनगर-मुरादनगर, साहिबाबाद और लोनी के रिहायशी इलाकों में करीब पांच हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों का संचालन जारी है, जिससे ध्वनि, जल और वायु प्रदूषण फैल रहा है। जिलाधिकारी ने रिहायशी इलाकों में संचालित हो रही औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिबंध के आदेश दिए हैं।

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जिला उद्योग केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के विजयनगर, सिहानी, हिडन विहार, बोंझा पटेल मार्ग, साहिबाबाद के वसुंधरा, वैशाली सर्विस सेक्टर और इंदिरापुरम के अलावा मोदीनगर, मुरादनगर और लोनी के रिहायशी इलाकों में पांच हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं, जिनमें से बहुत सी इकाइयां जल और वायु प्रदूषण के रूप में जहर उगल रही हैं। प्रदेश सरकार ने नगर निगम समेत कई विभागों से ऐसी औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई के लिए सूची मांगी थी, जिस पर गंभीरता से कोई काम नहीं हुआ। ऐसे में जिले के लोग जहरीली हवा और पानी के साथ जीने को मजबूर हैं। एनजीटी की मंशा है कि रिहायशी इलाकों में चल रहीं औद्योगिक इकाइयों को या तो बाहर जाएं या फिर इनका संचालन बंद कराया जाए।

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प्रदूषण से जीना मुहाल रिहायशी इलाकों में फैक्ट्रियों की वजह से लोगों का यहां रहना मुश्किल हो रहा है। यहां की कई गलियों में तो घुसते ही आंखों में जलन होने लगती है और इलाके में बदबू फैली रहती है। बड़ी तादाद में इकाइयों द्वारा जनरेटर का उपयोग किया जाता है। जिससे यहां वायु प्रदूषण बढ़ता है।

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अवैध ट्रांसपोर्टरों का दबदबा बढ़ा इन इलाकों में फैक्ट्रियों की बढ़ती तादाद के कारण अवैध रूप से ट्रांसपोर्ट कंपनियां खुल गई हैं। कहने के लिए यहां व्यावसायिक वाहनों के आने पर प्रतिबंध है, लेकिन धड़ल्ले से इलाके में मालवाहक वाहनों की आवाजाही रहती है। जिससे यहां अक्सर जाम लगा रहता है।

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आनलाइन रजिस्ट्रेशन के हिसाब से शहरी क्षेत्र में करीब सात हजार से अधिक सर्विस सेक्टर के अलावा लघु, मध्यम व सूक्ष्म इकाइयां संचालित हैं। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों की सूची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेज दी जाती है, क्योंकि उनको एनओसी वहीं से मिलती है।

- बीरेंद्र कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग

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प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को रिहायशी इलाकों में संचालन की एनओसी नहीं दी जाती है, जो भी इकाइयां हैं, वह पहले से चल रही होंगी। इनके खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है।

- उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


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