कामगारों को गार्डर डालने से किसानों ने रोका, आज होगी वार्ता
जागरण संवाददाता गाजियाबाद दिल्ली-मेरठ रोड एक्सप्रेस-वे के चौथे चरण के तहत बृहस्पतिवार को
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ रोड एक्सप्रेस-वे के चौथे चरण के तहत बृहस्पतिवार को डासना आरओबी के गार्डर डालने पहुंचे कामगारों को किसानों ने रोक दिया है। किसानों के विरोध के चलते गार्डर नहीं डल पाए। पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे अफसरों ने धरना दे रहे आकाश नगर के नागरिकों को दो घंटे तक समझाया। बाद में तय हुआ कि शुक्रवार को समस्या के निस्तारण के लिए कलेक्ट्रेट में त्रिस्तरीय वार्ता होगी। उधर, प्रशासन के निर्देश पर निर्माण कंपनी की ओर से प्रोजेक्ट का कार्य रोकने वालों के खिलाफ थाने में तहरीर दे दी गई है।
बता दें कि आकाश नगर के सैकड़ों पुरुष एवं महिला एक सप्ताह से धरने पर बैठे हैं और प्रोजेक्ट का काम रुकवा दिया है।
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भैसा बुग्गी अटकी, गठित होगी निगरानी समिति
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे चालू होने से पहले खूब सुर्खियों में है। मोदीनगर और डासना में किसानों ने काम रोक दिया है। अब डासना से मेरठ तक करीब 12 गांवों के किसानों की भैसा बुग्गी और ट्राली अटकने लगी हैं। एनएचएआइ ने गांवों के संपर्क मार्ग ध्वस्त कर दिए हैं। रास्तों में गड्ढों के अलावा अंडर पास की सही ऊंचाई नहीं होने से आवागमन में किसानों को परेशानी हो रही है। प्रशासन ने तहसीलदार मोदीनगर को निर्देशित किया है कि किसानों को शामिल करते हुए एक निगरानी समिति का गठन कर लिया जाए। सर्वे एवं निरीक्षण के बाद एनएचएआइ के अफसरों से समन्वय स्थापित करते हुए समस्याओं का निस्तारण कराया जाए। परियोजना निदेशक मुदित गर्ग का दावा है कि कई सड़कों के गड्ढ़े भर दिए गए हैं और शेष हर हाल में 15 दिन के भीतर भर दिए जाएं।
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पुलिस, प्रशासन और एनएचएआइ के अफसरों के साथ देर शाम को हुई वार्ता में तय हुआ है कि आकाश नगर के नागरिकों की समस्या का समाधान करने के लिए शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में खुली बैठक होगी। वार्ता में उचित निर्णय होने पर ही धरना समाप्त किया जाएगा।
- मास्टर मनोज नागर,राष्ट्रीय महासचिव भारतीय किसान यूनियन भानू
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धरनारत नागरिक विकास कार्य में गलत तरीके से अड़चन पैदा कर रहे हैं। निर्माण कंपनी मैसर्स जी आर इन्फ्राप्रोजेक्ट की ओर से काम रोकने वालों के खिलाफ थाने में तहरीर दे दी गई है।
- डी पी सिंह, एसडीएम सदर
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काम रोकने से समस्या का समाधान संभव नहीं है। धरनारत नागरिक एवं किसान नेता अनुचित मांग को लेकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। फिर भी प्रशासन द्वारा बुलाई गई बैठक में समस्या का हल निकलने की संभावना है।
-मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक,एनएचएआइ