पूर्व विधायक पर पत्थर फेंकने वाले 26 पर रिपोर्ट दर्ज
खोड़ा छठ घाट पर मंगलवार शाम को साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा की ओर पत्थर फेंके जाने के मामले के मामले में पुलिस ने छह लोगों को नामजद करते हुए 20 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस आरोपितों की तलाश में जुटी है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : खोड़ा छठ घाट पर मंगलवार शाम को साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा की ओर पत्थर फेंके जाने के मामले के मामले में पुलिस ने छह नामजद और 20 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस आरोपितों की तलाश में जुटी है। उधर, खोड़ा नगर पालिका चेयरमैन रीना भाटी और पूर्व विधायक अमरपाल ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाना खोड़ा में शिकायत दी है।
खोड़ा थाना प्रभारी निरीक्षक धर्मेद्र कुमार ने बताया कि उप निरीक्षक असगर अली की शिकायत पर अनिल, प्रीत कसाना, जीत, गुलाब, अंकित और विजय को नामजद करते हुए 20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश की जा रही है। दोनों पक्ष की ओर से एक दूसरे के खिलाफ शिकायत दी गई है। उसकी जांच की जा रही है। बता दें कि मंगलवार शाम को खोड़ा के छठ घाट पर पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा पहुंचे थे। इसी दौरान किसी ने भीड़ से अमरपाल की ओर पत्थर फेंक दिए। इससे अफरातफरी मच गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने अमरपाल शर्मा को वहां से निकाला। पूर्व विधायक से जताया जान का खतरा
खोड़ा नगर पालिका की अध्यक्ष रीना भाटी और देवर योगेश भाटी ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि उन्हें अमरपाल से जान का खतरा है। रीना भाटी ने कहा कि अमरपाल शर्मा उनके पति गजेंद्र भाटी के हत्या का आरोपित है। उन्होंने कहा कि छठ घाट पर उनका कार्यक्रम चल रहा था। अमरपाल शर्मा व सात से आठ अन्य लोग पिस्टल लेकर वहां टहल रहे थे। इस पर लोगों ने हंगामा किया। अमरपाल खोड़ा छठ घाट पर साजिश के तहत आया था। रीना भाटी का कहना है कि पुलिस और प्रशासन मिला हुआ है। पुलिस के अधिकारियों ने उनके देवर के गनर तक हटा दिए हैं, जबकि वह हत्या में गवाह हैं। उन्होंने न्याय के लिए मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही है।
वहीं, पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा ने भी प्रेस वार्ता कर कहा कि पिछले 25 साल से वह छठ पूजा में शामिल होते आ रहे हैं। छठ पूजा सछ्वावना का त्योहार है। हम वहां अपने समर्थकों के बीच गए थे। उन्होंने कहा कि उनकी हत्या की साजिश की गई थी। पुलिसकर्मियों ने उनकी जान बचा ली। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।