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शासन ने एसडीएम सदर से मांगा स्पष्टीकरण

लोनी में खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं विधायक नंदकिशोर के बीच हुआ विवाद जैसे ही विधानसभा तक पहुंचा तो अनेक विधायक एकजुट हो गए। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए गाजियाबाद के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना को इसकी जांच सौंप दी। जांच रिपोर्ट के बाद अब सरकारी मशीनरी हरकत में आइ गई है। इस पूरे प्रकरण में यूं तो एक आइपीएस द्वारा की गई कार्रवाई भी सवालों के घेरे में आई लेकिन फिलहाल नियुक्ति विभाग के संयुक्त सचिव रत्नेश सिंह के आदेश पर विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने एसडीएम सदर आदित्य प्रजापति से 15 दिन के भीतर उनका स्पष्टीकरण मांगा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 09:58 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 06:08 AM (IST)
शासन ने एसडीएम सदर से मांगा स्पष्टीकरण
शासन ने एसडीएम सदर से मांगा स्पष्टीकरण

मदन पांचाल, गाजियाबाद

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लोनी में खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं विधायक नंदकिशोर गुर्जर के बीच हुआ विवाद के मामले में शासन ने एसडीएम सदर आदित्य प्रजापति से 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए गाजियाबाद के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना को इसकी जांच सौंपी थी।

इस पूरे प्रकरण में नियुक्ति विभाग के संयुक्त सचिव रत्नेश सिंह के आदेश पर विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने आदित्य प्रजापति से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस पत्र में लिखा है कि एसडीएम सदर ने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया, जिसके कारण विधायक लोनी के विशेषाधिकारों का हनन हुआ है। एसडीएम सदर, आदित्य प्रजापति का उक्त कृत्य न केवल पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही का द्योतक है, उनका आचरण स्थापित संसदीय शिष्टाचार के उल्लंघन का द्योतक है। पत्र में लिखा है कि 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण यदि कोई हो तो भेज दिया जाये। अन्यथा उपलब्ध अभिलेखों एवं गुण-दोष के आधार पर यथोचित निर्णय ले लिया जायेगा।

यह है पूरा प्रकरण

27 नवंबर 2019 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह एवं विधायक के बीच दुकान सील करने को लेकर विवाद हो गया। मारपीट की वीडियों वायरल हो गई। अगले दिन पुलिस एवं प्रशासन के अफसरों ने मिलकर वार्ता की और विधायक समेत आधा दर्जन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवा दी। विधायक प्रतिनिधि ललित को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। यह मामला जब विधानसभा में पहुंचा तो अनेक विधायक एकजुट हो गए। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को लोनी विधायक ने पूरे विवरण के साथ एक पत्र भी दे दिया। पत्र में नंद किशोर गुर्जर ने विधानसभा अध्यक्ष को इन अफसरों द्वारा गलत व्यवहार किए जाने के बारे में बताया। शासन ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी का जिले से बाहर ट्रांसफर कर दिया।

लोनी में हुए इस प्रकरण से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। स्पष्टीकरण से जुड़ा कोई पत्र संज्ञान में नहीं आया है। यदि कोई पत्र आएगा तो पर्याप्त एवं तथ्यों के साथ अपना पक्ष शासन को प्रेषित किया जाएगा

- आदित्य प्रजापति, एसडीएम सदर, गाजियाबाद

अफसरों ने मेरे साथ अन्याय किया है। रात को जबरन हवालात में बंद किया जाना गैरकानूनी था। विधानसभा में पक्ष रखने पर इस गलत कार्रवाई का विरोध करते हुए मेरे साथ 255 विधायक आए। मीडिया में मामला उछला तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी जांच प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना को सौंप दी। अब भी दोषी आइपीएस, पीसीएस एवं आइएएस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के अलावा किसी को हटाया तक नहीं गया है। मेरे खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई और प्रतिनिधि को जेल तक जाना पड़ा।

- नंदकिशोर गुर्जर, विधायक, लोनी


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