बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हरनंदी नहीं आए विदेशी सैलानी पक्षी
बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हरनंदी नहीं पहुंचे विदेशी सैलानी पक्षीबढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हरनंदी नहीं पहुंचे विदेशी सैलानी पक्षीबढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हरनंदी नहीं पहुंचे विदेशी सैलानी पक्षीबढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हरनंदी नहीं पहुंचे विदेशी सैलानी पक्षीबढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हरनंदी नहीं पहुंचे विदेशी सैलानी पक्षी
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : जिले में बढ़ते वायु प्रदूषण का असर केवल आमजन पर ही नहीं पड़ता है बल्कि इसका असर विदेशी सैलानी पक्षियों पर भी पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण विदेशी सैलानी पक्षियों ने इस बार हरनंदी के किनारों से दूरी बना ली है। आमतौर पर दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक हरनंदी नदी के किनारों और आसपास लगे पेड़ों पर विदेशी सैलानी पक्षी नजर आने लगते थे लेकिन इस बार गाजियाबाद का वायु प्रदूषण बीते 15 दिनों में 7 बार देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहीं कारण है कि प्रदूषण बढ़ने से विदेशी पक्षी जिले से रुठते जा रहे हैं।
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पहले आते थे 24 प्रजाति के पंरिदें :
विदेशी और साइबेरियन पक्षियों के यहां नहीं आने से पर्यावरणविद व सामाजिक संस्था के लोग बेहद नाराज हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वह प्रदूषण रोकने के लिए कोई उपयुक्त इंतजाम करें। पर्यावरणविद् विजयपाल बघेल ने बताया है कि साल 2000 में यहां लगभग 24 प्रजाती से अधिक पक्षी आते थे लेकिन साल दर साल अब इसकी संख्या घटती जा रही है। साइबेरियन पक्षियों को प्रदूषण की वजह से लौटना पड़ रहा है पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि इस बार ठंड समय से पहले आ गई है तो विदेशी पक्षी भी यहां आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दिन में बढ़ता प्रदूषण और जिले की खराब होती आबोहवा ने इनको जिले से दूर कर दिया है।
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हरनंदी भी है विदेशी पक्षियों का पिकनिक स्पॉट :
साइबेरियन पक्षी भारत आने के दौरान हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं। विदेशी पक्षी, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के बाद गाजियाबाद आते हैं। हरनंदी के किनारे सालों से साइबेरियन क्रेन, चीनी रंग-बिरंगी छोटी चिड़िया, किगंफिशर, कोपरस्मिथ, सनबर्ड, रेड हेडिड वन¨टग, रॉक वन¨टग, हिमालियन ग्रीन सींच, टेलर बर्ड आती रही हैं। वहीं ठंड बढ़ते ही भारत आने वाले पक्षियों में साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्ले¨मगो, रफ, ब्लैक ¨वग्ट स्टिल्ट, कॉमन टील, कॉमन ग्रीनशैंक, नॉर्दर्न पिनटेल, रोजी पेलिकन, गडवाल, वूड सैंडपाइपर, स्पॉटेड सैंडपाइपर, यूरेसियन विजन, ब्लैक टेल्ड गॉडविट, स्पॉटेड रेडशैंक, स्टार्लिग, ब्लूथ्रोट, लांग बिल्ड पिपिट प्रमुख हैं।
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प्रदूषण का स्तर :
31 दिसंबर 30 दिसंबर 29 दिसंबर
पीएम-2.5 425 402 317
पीएम-10 365 325 459
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आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में हैं, सीपीसीबी की वेबसाइट के अनुसार।