सूखे और बाढ़ से त्रस्त बुंदेलखंड के किसानों ने भी भरी हुंकार
सूखे और बाढ़ से त्रस्त बुंदेलखंड के किसानों ने भी भरी हुंकारसूखे और बाढ़ से त्रस्त बुंदेलखंड के किसानों ने भी भरी हुंकारसूखे और बाढ़ से त्रस्त बुंदेलखंड के किसानों ने भी भरी हुंकारसूखे और बाढ़ से त्रस्त बुंदेलखंड के किसानों ने भी भरी हुंकारसूखे और बाढ़ से त्रस्त बुंदेलखंड के किसानों ने भी भरी हुंकार
गौरव शशि नारायण, साहिबाबाद (गाजियाबाद)
बाढ़, सूखे और कर्ज की मार झेल रहे बुंदेलखंड के अलग-अलग जिलों से लगभग दो हजार से अधिक किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की है। इन लोगों ने किसान नेता राकेश टिकैत और प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी मांगों का पत्र भी दिया। क्रांति यात्रा में महोबा जिले से आए वेदराम चौरसिया ने कहा है कि सरकार न तो बिजली का बिल माफ कर रही है न हमारे पुराना ब्याज। हम आत्महत्या करने को मजबूर हैं और ब्याज में दब रहे हैं।
वहीं चित्रकूट से आई महादेवी का कहना है कि हमे बाढ़ और सूखा सालभर मारता है। ऐसे में सरकार साथ नहीं देगी और किसानों पर कर्ज और दोहरी मार देगी तो अन्नदाता का क्या होगा। वहीं किसान क्रांति यात्रा में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर के किसान शामिल हुए। मध्य प्रदेश के ¨भड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, विदिशा, रायसेन, नर¨सहपुर, सागर, दमोह, ग्वालियर, दतिया, जबलपुर, टीकमगढ़, ¨भड, छतरपुर, पन्ना और सतना से भी किसानों ने भाग लिया। इन किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार सभी मांगें मानें वरना यह दिल्ली और उसकी सीमाओं पर ही अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।