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घायल अकाउंटेंट का अस्पताल ने पैसे के अभाव में नहीं किया इलाज, मौत

सेक्टर-5 में हुआ हादसा

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 11:11 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 11:11 PM (IST)
घायल अकाउंटेंट का अस्पताल ने पैसे के अभाव में नहीं किया इलाज, मौत
घायल अकाउंटेंट का अस्पताल ने पैसे के अभाव में नहीं किया इलाज, मौत

जागरण संवाददाता, नोएडा : गाजियाबाद के इंदिरापुरम में स्थित शांति गोपाल अस्पताल पर पैसे के अभाव में घायल का इलाज नहीं करने का आरोप लगा है। आरोप है कि सेक्टर-58 कोतवाली क्षेत्र में हुए सड़क हादसे में घायल अकाउंटेंट का अस्पताल ने पैसे के अभाव में इलाज नहीं किया। तीन घंटे परिसर में तड़पने के बाद घायल को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के लिये रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि अस्पताल ने समय से इलाज शुरू किया होता, तो उनकी जान बच जाती। शनिवार को डीएम से मिलकर परिजन अस्पताल की लापरवाही की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की जायेगी। उधर, सेक्टर-58 पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपित बाइकसवार को गिरफ्तार कर लिया है। इंदिरापुरम के न्याय खंड-2 स्थित ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स में 44 वर्षीय रामचंद्र जोशी पत्‍‌नी, 23 वर्षीय बेटी शिवानी और 20 साल के बेटे सुमित के साथ रहते थे। वह नोएडा के सेक्टर-18 स्थित एक कंपनी में अकाउंटेंट थे। उनके रिश्तेदार सागर रावत व पुष्कर ने बताया कि रोज की तरह वह शुक्रवार की सुबह नौ बजे घर से ऑफिस के लिये निकले थे। सेक्टर-58 कोतवाली क्षेत्र में एनएच-9 पर ऑटो से उतर कर दूसरा ऑटो पकड़ने जा रहे थे, तभी बाइक ने पीछे से टक्कर मार दी। आरोपित बाइकसवार प्रशांत चौहान भी इंदिरापुरम का ही रहने वाला है। घायल को बाइकसवार ने ऑटो की मदद से इंदिरापुरम स्थित शांति गोपाल अस्पताल में भर्ती कराया। पैसे नहीं मिले, तो इलाज भी नहीं किया

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परिजनों का आरोप है कि आरोपित जब घायल रामचंद्र को अस्पताल लेकर पहुंचा तो उनका सिटी स्कैन किया गया। अस्पताल कर्मियों ने सिटी स्कैन का बिल देते हुए आरोपित से पैसे मांगे। आरोपित ने जब पैसे न होने की बात कही तो डॉक्टरों ने इलाज करने की बजाय उन्हें दोपहर 1:45 बजे जीटीबी रेफर कर दिया। इस दौरान करीब तीन घंटे तक रामचंद्र की नाक और कान से लगातार खून बहता रहा और वे तड़पते रहे। आरोपित ही रामचंद्र को एंबुलेंस से जीटीबी अस्पताल दिल्ली लेकर पहुंचा। जब अस्पताल में रामचंद्र की मौत हो गई तो आरोपित उनके शव को वहां छोड़कर फरार हो गया। रामचंद्र का शव जीटीबी अस्पताल में ही पड़ा रहा।

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12 घंटे बाद परिजनों को हुई जानकारी :

पुष्कर ने बताया कि रामचंद्र का मोबाइल और पर्स भी गायब है। मोबाइल की आखिरी लोकेशन दिल्ली थी। पर्स और मोबाइल चोरी होने की वजह से उनकी पहचान नहीं हो सकी। शाम करीब 4 बजे रामचंद्र की कंपनी से फोन आने पर पता चला कि वह ड्यूटी पर नहीं पहुंचे हैं। इसके बाद उनकी तलाश शुरू हुई और रात 10 बजे सेक्टर-58 कोतवाली से हादसे की जानकारी मिली।

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घायल रामचंद्र को अस्पताल लाए जाने के बाद उनका सीटी स्कैन किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी न्यूरो सर्जरी की जानी थी। अस्पताल में न्यूरो सर्जन उपलब्ध नहीं थे, जिसके चलते रामचंद्र को रेफर किया गया। पैसे के चलते इलाज न किए जाने की बात पूरी तरह गलत है।

अरुण अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर, शाति गोपाल अस्पताल

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परिजनों की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर आरोपित बाइक सवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। मामला प्रशासन का है। प्रशासन से अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देता है, तो कार्रवाई होगी।

-पंकज राय, प्रभारी निरीक्षक, सेक्टर-58 कोतवाली (गौतमबुद्ध नगर)

शोक का माहौल :

रामचंद्र पर्वतीय प्रवासी जनकल्याण समिति से जुड़े हुए थे। वह समाज के लिए हमेशा कोई न कोई कार्य करते रहते थे। उनकी मौत के बाद स्थानीय लोग शोकाकुल हैं। बृहस्पतिवार से ही उनके घर पर आने-जाने वालों का ताता लगा हुआ है।


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