सड़कों के किनारे खींची जाएगी विकास की तस्वीर
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड हापुड़ रोड और मेरठ रोड के किनारे शहर के विकास की तस्वीर खींची जाएगी। इन इलाकों को जोनल प्लान बनाने को प्राथमिकता दी जा रही है। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि जोन क्षेत्र आबादी से पैक हो चुके हैं उनमें विकास की संभावनाएं नहीं हैं। खाली इलाका कोरे कागज की तरह है। वहीं विकास की नई तस्वीर बनाना संभव है। इस वजह से नए जोनल प्लान में मुख्य सड़कों के किनारे खाली भूमि को नियोजित करने का प्रयास किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड, हापुड़ रोड और मेरठ रोड के किनारे शहर के विकास की तस्वीर खींची जाएगी। इन इलाकों को जोनल प्लान बनाने को प्राथमिकता दी जा रही है। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि जोन क्षेत्र आबादी से पैक हो चुके हैं, उनमें विकास की संभावनाएं नहीं हैं। खाली इलाका कोरे कागज की तरह है। वहीं विकास की नई तस्वीर बनाना संभव है। इस वजह से नए जोनल प्लान में मुख्य सड़कों के किनारे खाली भूमि को नियोजित करने का प्रयास किया जाएगा।
महज एक क्षेत्र का जोनल प्लान
पहली बार मास्टरप्लान के साथ जोनल प्लान बनाने की गतिविधि शुरू हुई है। इससे पहले मास्टरप्लान अलग और जोनल प्लान अलग बनता था। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि पुराने मास्टर प्लान के हिसाब से शहर छह जोन में बंटा हुआ था। उनमें से जोनल प्लान महज एक जोन का ही बन पाया, जोकि राजनगर एक्सटेंशन के विकास के लिए बना। बाकी पांच जोनों का जोनल प्लान अब तक नहीं है। यही वजह रही कि राजनगर एक्सटेंशन नियोजित तरीके से बसा गया है। वहां पर्याप्त सड़क, पार्किंग, नाले, नालियां और अन्य सुविधाएं हैं। शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में जोनल प्लान न होने की वजह से अनियोजित विकास हुआ है। अनधिकृत निर्माण बहुत ज्यादा हुआ है। ज्यादातर इलाके सीवर, पानी और जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसमें विजयनगर क्षेत्र, लाल कुआं के आसपास का इलाका, साहिबाबाद क्षेत्र में जीटी रोड से सटी कॉलोनियों में परेशानियां ज्यादा हैं।
वेयर हाउस और लॉजिस्टिक्स हब बनेगा
अर्बन एंड रीजनल डेवलपमेंट प्लांस फॉर्मूलेशन एंड इंप्लीमेंटेशन गाइडलाइन (यूआरडीपीएफआइ) के मानकों के अनुरूप शहर के लोगों को मूलभूत सुविधाएं दी जानी हैं। जोनल प्लान में इन सुविधाओं के लिए स्थान चिह्नित करना है। केंद्र और राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं कि ऑनलाइन के बढ़ते कारोबार को देखते हुए वेयर हाउस और लॉजिस्टिक्स हब के लिए जोनल प्लान में भूमि का चिह्नांकन किया जाए। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट नगर की व्यवस्था भी जोनल प्लान में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि यह सुविधाएं मुख्य और चौड़ी सड़कों के किनारे ही संभव है। इसलिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, हापुड़ रोड और मेरठ रोड के किनारे इनकी प्लानिग की जा रही है। फायर स्टेशन, हॉस्टल समेत स्कूल, दिव्यांगों के लिए स्कूल, बड़े अस्पताल, सामुदायिक केंद्र, ध्यान केंद्र, वृद्धाश्रम, बॉटेनिकल गार्डन समेत अन्य सुविधाएं भी वहीं प्लान की जाएंगी। नया आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र इन्हीं सड़कों के आसपास विकसित करने पर मंथन हो रहा है। नया जोनल प्लान मुख्य सड़कों के किनारे बनवाया जा रहा है। जिन इलाकों में आबादी है, उनमें विकास की संभावना ज्यादा नहीं है। जोनल प्लान में सड़कों के किनारे खाली भूमि को नियोजित करने का प्रयास किया जा रहा है।
- आशीष शिवपुरी, सीएटीपी, जीडीए