Move to Jagran APP

टूटी सड़कों से फैल रहा प्रदूषण, यूपीसीडा को यूपीपीसीबी ने भेजा नोटिस

जागरण संवाददाता साहिबाबाद गाजियाबाद के सभी 10 इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें टूट चुक

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 08:17 PM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 08:17 PM (IST)
टूटी सड़कों से फैल रहा प्रदूषण, यूपीसीडा को यूपीपीसीबी ने भेजा नोटिस
टूटी सड़कों से फैल रहा प्रदूषण, यूपीसीडा को यूपीपीसीबी ने भेजा नोटिस

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :

loksabha election banner

गाजियाबाद के सभी 10 इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें टूट चुकी हैं। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के एक सर्वे के मुताबिक ज्यादातर सड़कों को दोबारा बनाने की जरूरत है। इन टूटी सड़कों से धूल उड़ने के कारण प्रदूषण फैल रहा है। सड़कों के निर्माण के लिए यूपीपीसीबी ने उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (यूपीसीडा) को नोटिस भेजा है। वहीं, गाजियाबाद में प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। शनिवार को गाजियाबाद का एक्यूआइ 441 रहा।

सड़कों से उड़ने वाली धूल के कारण जिले में 30 प्रतिशत से अधिक प्रदूषण हो रहा है। यूपीपीसीबी ने हाल ही में एक सर्वे किया। इस दौरान पाया गया कि टूटी सड़कों से सबसे ज्यादा धूल उड़ती है। गाजियाबाद में साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट- चार, लोनी रोड औद्योगिक क्षेत्र, आनंद औद्योगिक क्षेत्र, कविनगर औद्योगिक क्षेत्र, साउथ साइड जीटी रोड औद्योगिक क्षेत्र, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र समेत सभी 10 औद्योगिक क्षेत्रों की 80 प्रतिशत सड़कें टूटी हुई हैं। इन सड़कों से उड़ने वाली धूल से औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ रहा है। ऐसे में पहले से फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से परेशान लोगों को धूल से भी हो रहे प्रदूषण की मार झेलनी पड़ रही है।

-------

टूटी सड़कों की नहीं हो पा रही सफाई : सड़कें टूटी होने के कारण स्वीपिग मशीन से सफाई नहीं हो पाती है। पानी के छिड़काव का असर करीब आधे घंटे तक रहता है। इसके बाद दोबारा धूल उड़ने लगती है। नगर निगम औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों की सिर्फ सफाई और मरम्मत ही करा सकता है। सड़कें बनाने का काम यूपीसीडा का है। औद्योगिक क्षेत्र में सड़कें पिछले करीब तीन साल से टूटी पड़ी हैं लेकिन यूपीसीडा सड़कें नहीं बनवा रहा है।

-------

जिले में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ें देखें तो शनिवार को गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 441 दर्ज किया गया। जिले में प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में है। शाम होते ही तापमान गिरने पर प्रदूषण बढ़ जाता है। प्रदूषण के कारण लोगों की आंखों में जलन और मरीजों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों से उड़ती धूल, वाहनों व फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, जलते कूड़े आदि से प्रदूषण के स्तर में गिरावट नहीं आ रही है। जिले में शनिवार को लोनी सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाका रहा।

-------

देश में प्रदूषित शहरों की सूची :

शहर एक्यूआइ

नोएडा 464

धारूहेडा 453

भिवानी 446

गाजियाबाद 441

गुरुग्राम 441

(नोट : एक्यूआइ 50 से 100 के बीच संतोषजनक माना जाता है)

---------

गाजियाबाद के विभिन्न जगहों का प्रदूषण स्तर :

स्टेशन एक्यूआइ

लोनी 451

इंदिरापुरम 450

वसुंधरा 448

संजय नगर 386

---------

बयान :

औद्योगिक क्षेत्र की 80 प्रतिशत सड़कें टूट चुकी हैं। इन सड़कों से उड़ने वाली धूल से प्रदूषण हो रहा है। यूपीसीडा को नोटिस भेजकर सड़कें बनवाने के कहा गया है, जिससे प्रदूषण न हो। - उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.