दिल्ली की रक्षा के लिए गए जवान, परिवार को सताती रही चिता
हरदीप श्रीवास्तव साहिबाबाद गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली की सड़कों पर जो हुआ उसका सीधा असर
हरदीप श्रीवास्तव, साहिबाबाद: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली की सड़कों पर जो हुआ उसका सीधा असर ट्रांस हिंडन के उन परिवारों पर भी रहा जिनके घर के सदस्य दिल्ली पुलिस में तैनात हैं। मंगलवार को उपद्रवियों के हमले का डर बुधवार को भी जारी रहा। आलम यह रहा है कि परिवार के लोग दिनभर टीवी और मोबाइल पर दिल्ली की खबरें देखते रहे। साथ ही दिल्ली पुलिस में तैनात अपने संबंधियों से दिनभर हाल चाल लेते रहे। देर शाम ड्यूटी खत्म कर पुलिसकर्मी लौटे तो स्वजनों ने राहत की सांस ली।
किसान की बेटी रही पति के लिए परेशान: राजेंद्र नगर निवासी जय सिंह मीणा शाहदरा थाने में हेड कांस्टेबल हैं। उनकी पत्नी नीतू ने बताया कि मैं भी किसान की बेटी हूं। मेरे पिता राजस्थान के करौली में खेती करते हैं। किसानों के भेष में आए उपद्रवियों ने जो किया वह सपने में भी नहीं सोच सकती हूं। जय जवान, जय किसान के नारे लगा रहे उपद्रवियों ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। गणतंत्र दिवस पर पति ने हंगामा कर रहे उपद्रवियों को रोकने का प्रयास किया तो उन पर भी हमला हुआ। फिर भी वह बुधवार को ड्यूटी पर गए तो चिता रही। नीतू ने बताया कि उन्होंने दिन में 18 बार फोन किया और दिनभर टीवी पर दिल्ली का हाल जानती रहीं।
हर घंटे काल करती रही पापा की लाड़ली बेटी: लोनी के इंद्रापुरी कालोनी निवासी यशवीर बालियान पुलिस में हेड कांस्टेबल हैं। मंगलवार को उनकी ड्यूटी राष्ट्रपति भवन पर थी। बुधवार को उन्हें सिघु बार्डर पर तैनात कर दिया गया। 14 साल की लाडली बेटी कीर्ति को दिनभर पापा की चिता रही। कीर्ति ने हर घंटे पिता को फोन किया और उनका हाल जाना। कीर्ति ने बताया कि उनके दादा जी भी किसान हैं। उन्होंने मेहनत से उनके पिता को देश की सेवा करने भेजा। लेकिन जिन लोगों ने लाल किले पर हमला कर दिया वे किसान नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके पिता दिल्ली के लोगों की सुरक्षा करते हैं, लेकिन कुछ लोगों ने पूरे देश को शर्मिदा कर दिया है।