परिजनों ने जताया हत्या का शक, जांच की उठाई मांग
संवाद सहयोगी, मुरादनगर (गाजियाबाद): मध्यप्रदेश के नीमच में हुई सीआरपीएफ जवान पंकज चौधरी क
संवाद सहयोगी, मुरादनगर (गाजियाबाद): मध्यप्रदेश के नीमच में हुई सीआरपीएफ जवान पंकज चौधरी की मौत के मामले में परिजनों ने हत्या का शक जताया है। शुक्रवार रात उनका पार्थिव शरीर गांव मिलक रावली पहुंचा। इस दौरान परिजनों और ग्रामीणों की भीड़ ने जवान के शव को ला रहे वाहन को गांव के बाहर रोककर हंगामा किया और शव को लेने से इन्कार कर दिया। परिजन शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग कर रहे थे। हंगामे की सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन व कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई।
गांव मिलक रावली निवासी सीआरपीएफ के जवान पंकज ¨सह (35) की 25 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के नीमच में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बटालियन के अधिकारियों ने परिजनों को आत्महत्या करने की बात बताई थी, जबकि परिजन इसे हत्या बता रहे हैं। शुक्रवार को जवान का शव हवाई मार्ग से नीमच से दिल्ली लाया गया। वहां से सड़क मार्ग होते हुए रात करीब नौ बजे पंकज ¨सह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव मिलक रावली पहुंचा। इसके बाद परिजनों व सैकड़ों ग्रामीणों ने जवान के शव को लेकर पहुंचे वाहन को गांव के बाहर ही रोक लिया और जमकर हंगामा करते हुए शव को लेने से इन्कार कर दिया। परिजनों का आरोप है कि पंकज ¨सह की हत्या की गई है। इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए।
परिजन एवं ग्रामीण पंकज ¨सह के शव का मुरादनगर थाने पहुंचने का घंटों तक इंतजार करते रहे, लेकिन पुलिस व प्रशासन शव को थाने न ले जाकर सीधे गांव लेकर पहुंच गया। इसकी सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण व परिजन गांव के बाहर इकट्ठा हो गए और शव को लेकर आए वाहन को गांव के बाहर रोकर जमकर हंगामा करने लगे। हंगामे की सूचना मिलते ही तहसीलदार राजबहादुर ¨सह व कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई।
सीआरपीएफ के किसी अधिकारी के न पहुंचने से नाराजगी
पंकज ¨सह के भाई खुशवंत का आरोप है कि उनके भाई का पार्थिव शरीर तो आ गया, लेकिन न तो उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है और न ही सीआरपीएफ का कोई उच्चाधिकारी शव के साथ आया है। इसके चलते परिजनों ने शव को लेने से इन्कार कर दिया।
गुस्साए लोगों ने सड़क पर लगाया जाम
सीआरपीएफ के जवान पंकज ¨सह का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचने के बाद नाराज परिजनों व ग्रामीणों ने रावली सुराना मार्ग पर जाम लगा दिया। नाराज ग्रामीण सड़क के बीचोंबीच बैठ गए। इसके चलते मार्ग पर आवागमन बंद हो गया और रावली सुराना मार्ग पर दोनों और वाहनों की कतारें लग गई। खबर लिखे जाने तक ग्रामीण सड़क पर डटे हुए थे।