26 करोड़ के घोटाले की हुई जांच, अधिकारियों में हड़कंप
सिद्धार्थ विहार योजना में करीब आठ साल पूर्व हुए मिट्टी घोटाले का जिन्न बाहर आने के बाद आवास विकास परिषद के अधिकारियों में हड़कंप का माहौल है। मुख्यालय ने अधिकारियों से ही 26 करोड़ की रिकवरी का आदेश जारी किया है। इसके बाद वसुंधरा स्थित कार्यालय में शनिवार को चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
जागरण संवाददाता, वसुंधरा (गाजियाबाद): सिद्धार्थ विहार योजना में करीब आठ साल पूर्व हुए मिट्टी घोटाले का जिन्न बाहर आने के बाद आवास विकास परिषद के अधिकारियों में हड़कंप का माहौल है। मुख्यालय ने अधिकारियों से ही 26 करोड़ की रिकवरी का आदेश जारी किया है। इसके बाद वसुंधरा स्थित कार्यालय में शनिवार को चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के चार इंजीनियरों पर वर्ष 2010 में सिद्धार्थ विहार योजना में मिट्टी निजी बिल्डरों को बेचने का आरोप लगा था। इसके बाद बीते वर्ष मामले की जांच मुख्यालय स्तर परकी गई तो सामने आया कि इंजीनियरों ने 26 करोड़ में मिट्टी बेची और चोरी को छिपाने के लिए जमीन में हुए गड्ढे में कूड़ा भरवा दिया। इसके बाद से ही निगम लगातार उस जमीन पर कूड़ा फेंक रहा है। एक इंजीनियर हो चुका है सेवानिवृत
आला अधिकारियों ने अभी तक आरोपित इंजीनियरों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं। सूत्रों की मानें तो एक आरोपित इंजीनियर सेवानिवृत हो चुका है। इसके अलावा एक आरोपित अभी वसुंधरा कार्यालय में तैनात है। शेष दो इंजीनियर अन्य वृत्त में तैनात हैं। ऐसे में वसुंधरा कार्यालय रिकवरी की सूचना पहुंचने के बाद ही चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। आपस में इंजीनियर कानाफूसी करते दिखे। उधर, अपर आवास आयुक्त विशाल भारद्वाज ने बताया कि जांच में इंजीनियरों के आरोप सही साबित हुए हैं। इंजीनियरों के वेतन और पेंशन से नुकसान के रुपये की भरपाई की जाएगी।