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जन्मदिन पर पति को दिया 'मौत' का गिफ्ट, पढ़िए- पत्नी की करतूतों की सनसनीखेज स्टोरी

जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी और 12 वर्षीय बेटी की गवाही पर अदालत ने सजा सुनाई। रिपोर्ट में आरोपित एक व्यक्ति को अदालत ने बरी कर दिया।

By Edited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 07:58 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 09:50 AM (IST)
जन्मदिन पर पति को दिया 'मौत' का गिफ्ट, पढ़िए- पत्नी की करतूतों की सनसनीखेज स्टोरी
जन्मदिन पर पति को दिया 'मौत' का गिफ्ट, पढ़िए- पत्नी की करतूतों की सनसनीखेज स्टोरी

गाजियाबाद, जेएनएन। जन्मदिन की पार्टी के बाद पिस्टल से गोली मारकर पति की हत्या करने वाली पत्नी को एससी-एसटी कोर्ट की जज अनीता राज ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। मृतक दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था। मृतक की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी और 12 वर्षीय बेटी की गवाही को आधार मानते हुए अदालत ने सजा सुनाई। रिपोर्ट में आरोपित एक व्यक्ति को अदालत ने बरी कर दिया। अदालत में कुल 9 गवाह पेश किए गए।

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सहायक शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि छह वर्ष पूर्व 11 अप्रैल 2013 को राज का जन्मदिन था। पति अजीत बालियान ने पत्नी व बेटी को राजनगर के एक होटल में जन्मदिन की पार्टी दी और घर जाकर सो गए। रात करीब डेढ़ बजे अजीत की लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

मृतक की मां सावित्री देवी ने पुत्रवधू राज व फ्लैट में नीचे रहने वाले मुकेश के बीच अवैध संबंध का आरोप लगाते हुए हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मृतक की मां सावित्री देवी की शिकायत और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद साहिबाबाद थाने की पुलिस ने 12 अप्रैल को हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।

वादिनी का आरोप था कि अजीत अवैध संबंधों का विरोध करता था। इसके बावजूद मुकेश घर में राज से मिलने आता था, इसी कारण उसके बेटे की हत्या की गई। बेटी ने कहा- मम्मी ने मारी गोली मृतक की बेटी ने अदालत में दर्ज बयान में कहा था कि उसकी मां राज बालियान ने ही लाइसेंसी पिस्टल से पिता अजीत को गोली मारी थी। बाद में पोस्टमार्टम में मृतक के शरीर से नौ एमएम की चार गोलियां बरामद हुई थी।

मृतक की पत्नी राज ने पति की लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारने के बाद इसे आत्महत्या बताकर परिजनों को सूचित किया था। कोचिंग संचालक मुकेश के अधिवक्ता एलके गहलोत ने बताया कि मुकेश के पास बीएड की तैयारी से संबंधित सवालों की जानकारी लेने के लिए राज आती थी। दोनों के बीच कोई संबंध नहीं था। इसी आधार पर अदालत ने बरी कर दिया।

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