पूर्व राज्यसभा सदस्य व पत्नी को साढ़े तीन-तीन साल का कारावास
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 शशि भूषण पांडेय की अदालत ने शनिवार को
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 शशि भूषण पांडेय की अदालत ने शनिवार को बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य व वर्तमान में भाजपा नेता नरेंद्र कश्यप व उनकी पत्नी देवेंद्री को साढ़े तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई। पुत्रवधू को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोनों को यह सजा सुनाई गई है। अदालत ने दोनों पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। ऑमर्स एक्ट के मामले में पूर्व राज्यसभा सदस्य के बेटे सागर कश्यप को शनिवार को तीन माह कैद की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही एक हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। यह जानकारी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लोकेश कुमार वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गुरुवार को अदालत सागर कश्यप को सात साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
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पुलिस और सीएमओ से तलब की गई थी रिपोर्ट -
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक बृहस्पतिवार को अदालत में जब सजा पर बहस हो रही थी तो बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने पूर्व राज्यसभा सदस्य के स्वच्छ छवि का होने व कोई आपराधिक रिकार्ड न होने और उनकी पत्नी देवेंद्री के कैंसर रोगी होने के चलते कम सजा सुनाने की अपील की थी। इस पर अदालत ने पुलिस से नरेंद्र कश्यप के आपराधिक रिकार्ड और सीएमओ से देवेंद्री की मेडिकल रिपोर्ट तलब की। एसएचओ कविनगर समरजीत ¨सह ने अदालत में पूर्व राज्यसभा सदस्य के खिलाफ और कोई मुकदमा न होने की रिपोर्ट दी। वहीं, सीएमओ की तरफ से पहले एसीएमओ डॉ. आरके यादव पेश हुए और रिपोर्ट दायर की। सुनवाई के दौरान वह रिपोर्ट के बारे में अदालत में स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके तो कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के पैनल में शामिल डा. एसएन ¨सह को तलब किया। उन्होंने अदालत को देवेंद्री के गर्भाशय में गांठ होने की बात बताई। तभी बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उस गांठ के बारे में डिटेल रिपोर्ट अदालत में पेश की। मेडिकल जांच के पैनल में तीन डॉक्टर शामिल थे। इसमें डॉ. एसएन ¨सह, डा. एमके तोमर और आरसी गुप्ता थे।
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- क्या था मामला -
छह अप्रैल 2016 को पूर्व राज्यसभा सदस्य की पुत्रवधू हिमांशी की संदिग्ध परिस्थितियों में संजयनगर स्थित आवास पर गोली लगने से मौत हो गई थी। वह बदायूं निवासी बसपा के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री हीरालाल कश्यप की बेटी थी। इस प्रकरण में दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। सुनवाई के दौरान पेश किए गए साक्ष्यों के आधार अदालत ने मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने का माना।
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इसलिए सुनाया गया साधारण कारावास -
इस वाद के अलावा नरेंद्र कश्यप के खिलाफ कोई और मुकदमा न होने और देवेंद्री के बीमार होने के चलते अदालत ने दोनों को कठोर कारावास की सजा न सुनाते हुए साधारण कारावास की सजा सुनाई। फैसले में अदालत ने इस बात का स्पष्ट रूप से लिखा है। हालांकि, बचाव पक्ष के अधिवक्ता राम अवतार गुप्ता ने शनिवार को भी सजा पर बहस के दौरान तीन साल से कम सजा सुनाने की अपील की थी।