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कांट्रेक्ट फार्मिग से हो रहा किसानों को फायदा

जासं गाजियाबाद तीन नए कृषि कानून का कुछ किसान विरोध कर रहे हैं तो बड़ी संख्या में किस

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 08:52 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 08:52 PM (IST)
कांट्रेक्ट फार्मिग से हो रहा किसानों को फायदा
कांट्रेक्ट फार्मिग से हो रहा किसानों को फायदा

जासं, गाजियाबाद: तीन नए कृषि कानून का कुछ किसान विरोध कर रहे हैं तो बड़ी संख्या में किसान ऐसे हैं जो कानून का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि कांट्रेक्ट फार्मिग से किसानों को फायदा हो रहा है, जमीन छिन जाने की बात भी गलत है। एक इंच जमीन नहीं छीनी जा रही है। किसानों को बरगलाया जा रहा है, जो कि गलत है।

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जनपद में कांट्रेक्ट फार्मिग के लिए चार कंपनी पंजीकृत हैं, इनमें से एक इनविक्टस फार्मर प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड 2016 से सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। जिसक मैनेजिग डायरेक्टर सुंदर चौहान ने बताया कि कंपनी से गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, महाराष्ट्र, असम सहित अन्य स्थानों से अब तक 625 किसान जुड़े हैं। यह कंपनी नाबार्ड के द्वारा अनुमोदित है।

मिल चुका है अवार्ड: कंपनी को 2019-20 के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा सर्वोत्कृष्ट अवार्ड दिया गया है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कंपनी के मैनेजिग डायरेक्टर को दिया है। कृषि मंत्री, केंद्र सरकार नरेंद्र तोमर ने कृषि कानून के बारे में जागरूकता लाने के लिए उत्तर प्रदेश में पांच मास्टर ट्रेनर को नियुक्त किया है, जिनमें से एक सुंदर चौहान भी हैं।

ये हो रहा फायदा: किसानों ने बताया कि कांट्रेक्ट फार्मिग की वजह से उनको बिचौलियों से छुटकारा मिल गया है। फसल खेत से ही बिक जाती है, ऐसे में न केवल फसल के अच्छे दाम मिल जाते हैं बल्कि ट्रांसपोर्ट का खर्च भी बच जाता है। फसल का नुकसान भी नहीं होता है। किसानों को बीज, कृषि उपकरण, कृषि के लिए प्रशिक्षण भी कंपनी द्वारा दिलाया जाता है। परिचर्चा कांट्रेक्टर फार्मिग से जुड़ने के कारण मुझे फायदा हो रहा है। अब फसल बेचने के लिए दूसरे किसानों की तरह मंडी नहीं जाना पड़ता है, फसल फेंकनी भी नहीं पड़ती है। - बेगराज सिंह, कांट्रेक्ट फार्मिग के लिए कंपनी से जुड़े किसान कांट्रेक्ट फार्मिग के नाम पर जमीन छिन जाने की बात गलत है। सिर्फ फसल बेचने के लिए एक प्लेटफार्म मिल रहा है, जिससे कि किसान के सामने फसल बेचने को लेकर परेशानी न हो। - मनोज कसाना, कांट्रेक्ट फार्मिग के लिए कंपनी से जुड़े किसान कांट्रेक्ट फार्मिग के जरिये किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक प्लेटफार्म मुहैया करवाया जा रहा है। कंपनी को जहां पर कार्य करना होता है, वहां के किसानों से संपर्क किया जाता है। कंपनी से जुड़ने के लिए एक हजार रुपये किसान को शेयर शुल्क देना पड़ता है। इसकी एवज में उसको सौ शेयर मिलते हैं। शुल्क देने के बाद भी किसान अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र है, वह चाहे तो अपनी फसल कंपनी के जरिये बेचे या मंडी में। - सुंदर चौहान, मैनेजिग डायरेक्टर, इनविक्टस फार्मर प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड।

बयान कांट्रेक्ट फार्मिग किसानों के लिए फायदे मंद है। उनका खर्च बचता है। कृषि के लिए उनको प्रशिक्षण मिलेगा। जमीन छिनने की बात झूठी है, ऐसा कोई नियम नहीं है जिससे कि कंपनी किसानों की जमीन हड़प सके। - डॉ. राकेश कुमार, जिला कृषि अधिकारी।


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