दीवाली मनाएं लेकिन रखें खुद का ख्याल
एक ओर लोग दीवाली की तैयारियों में लगे हैं वहीं हर साल दीवाली पर आग और पटाखों से जलने के मामले भी सामने आए हैं। इसे लेकर मंगलवार को अस्पतालों ने मरीजों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया। ट्रांस ¨हडन के मैक्स, यशोदा और अन्य अस्पतालों ने अपने पास ओपीडी में आने वाले मरीजों को जागरूक किया। डॉक्टरों ने अपील की कि लोग सुरक्षित दीवाली मनाएं। साथ ही यशोदा अस्पताल के एमडी डा. पीएन अरोड़ा, वरिष्ठ सर्जन डा. मुकेश कुमार व मनोज बंसल ने लोगों से सुरक्षित दीवाली मनाने की अपील की।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : एक ओर लोग दीवाली की तैयारियों में लगे हैं वहीं हर साल दीवाली पर आग और पटाखों से जलने के मामले भी सामने आए हैं। इसे लेकर मंगलवार को अस्पतालों ने मरीजों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया। ट्रांस ¨हडन के मैक्स, यशोदा और अन्य अस्पतालों ने अपने पास ओपीडी में आने वाले मरीजों को जागरूक किया। डॉक्टरों ने अपील की कि लोग सुरक्षित दीवाली मनाएं। साथ ही यशोदा अस्पताल के एमडी डा. पीएन अरोड़ा, वरिष्ठ सर्जन डा. मुकेश कुमार व मनोज बंसल ने लोगों से सुरक्षित दीवाली मनाने की अपील की।
पटाखे चलाते समय बरतें सावधानियां
- फुस्स हो चुके पटाखों को दोबारा आग न लगाएं। भले ही उनका पलीता पूरा न जला हो, ¨कतु वह फिर भी फट सकता है। कुछ मिनट तक इंतजार करें और फिर उस पर पानी डाल दें।
- घर के अंदर अथवा बंद जगह में पटाखे न चलाएं।
- पटाखे जेब में न रखें। ये विस्फोटक हैं और जलाए बगैर भी फट सकते हैं।
- धातु या शीशे की किसी चीज में पटाखे न जलाएं।
- ज्वलनशील चीजों और जगहों से काफी दूर पटाखे चलाएं। जैसे पेड़, सूखी घास और भवन आदि से दूर स्थानों पर।
- ज्वलनशील पदार्थों से दूर, रेत भरी बाल्टी में कम से कम आधी गहराई पर जले पटाखों के अवशेषों को दबा दें।
- नल से लगी पाइप या बाल्टी के जरिए पानी को पास ही रखें ताकि पटाखे छूटने के बाद उन्हें पानी में भिगोया जा सके।
- फुलझड़ी आदि रोशनी करने वाले पटाखों को अपने से एक हाथ दूर रखें और अपना चेहरा परे कर लें।
- फुलझड़ी आदि ¨चगारियों को पानी से ठंडा करें और बच्चों से सुरक्षित दूरी पर रखें। पटाखों से अगर कोई दुर्घटना होती है तो इन बातों का रखें ख्याल
- जले हुए स्थान से तुरंत कपड़ा हटाएं।
- साफ व शीतल पदार्थ से जली हुई जगह को 3 से 5 मिनट तक दबाएं। बर्फ का इस्तेमाल न करें, क्योंकि उससे चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है।
- जले हुए भाग पर मक्खन, चिकनाई, पावडर या अन्य इस तरह की कोई चीज न लगाएं, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- यदि जला हुआ स्थान छोटा है, तो उस पर स्टेराइज्ड गाज पैड या पट्टी लगाएं।
- यदि चोटिल स्थान का दायरा कम है, तो उसे साफ रखें और निरंतर शीतल पदार्थ से दबाव देते रहें। अगले 24 घंटों तक ढीली पट्टी बांधे रखें।
शीघ्र ही चिकित्सकीय मदद लें
- जब जलन का आकार बड़ा हो। जले हुए भाग को साफ व कोमल कपड़े या तौलिये से ढकें।