अपराध की सूचना पर 15 मिनट में बॉर्डर के 21 प्वॉइंट होंगे सील: एसएसपी
जागरण संवाददाता गाजियाबाद अपराध के बाद अपराधी को जल्द से जल्द दबोचने के लिए एसएसपी कलानिधि न
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: अपराध के बाद अपराधी को जल्द से जल्द दबोचने के लिए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने जिले में क्विक रेस्पॉन्स स्कीम लागू कर दी है। इसके तहत घटना की सूचना मिलने के 15 मिनट के अंदर जिले के 21 बॉर्डर प्वॉइंट सील कर दिए जाएंगे। योजना है कि अपराधियों की धरपकड़ के लिए 45 मिनट के भीतर 140 चेकिग प्वॉइंट पर पुलिस को सक्रिय कर दिया जाए।
एसएसपी ने बताया कि क्विक रेस्पांस स्कीम को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण बॉर्डर सील करना है। दूसरे चरण में यहां वाहनों को रोककर चेकिग शुरू कराई जाएगी। तीसरे चरण में पहले से चिह्नित 124 प्वाइंट पर बैरियर लगाए जाएंगे और चौथे चरण में मॉल, पार्क, पार्किंग स्थल और अन्य करीब 16 सार्वजनिक स्थानों समेत कुल 140 प्वाइंट पर सघन चेकिग व जांच शुरू करा दी जाएगी। यह सब काम 45 मिनट में पूरा जाएगा। एसएसपी ने कहा कि बॉर्डर सील हो जाएंगे तो अपराधी बाहर नहीं जा पाएगा। वहीं 140 प्वाइंट पर पुलिस तुरंत उसकी तलाश शुरू कर देगी तो आरोपित को छिपने का मौका नहीं मिलेगा। हालांकि हर अपराध में चारों चरणों को लागू करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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ट्रैफिक पुलिस का होगा अलग चैनल
जासं, गाजियाबाद : शहर और यातायात पुलिस का अब वायरलेस सेट पर अलग-अलग चैनल होगा। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि रेडियो अधिकारी को इसके लिए निर्देश दिया है। साथ ही ट्रैफिक पुलिस को अधिक सक्रिय करने के लिए रविवार को एसएसपी ने 100 अतिरिक्त वायरलेस सेट दिए हैं।
एसएसपी ने कहा कि अपराध से जुड़ी सूचना सिविल पुलिस के लिए दी जाती हैं। इसलिए ट्रैफिक पुलिस ध्यान नहीं देती और संदिग्ध व्यक्ति या वाहन उनके सामने से निकल जाता है। ट्रायल में यह समस्या सामने आई थी, क्योंकि कई प्वॉइंट पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के पास वायरलेस सेट भी नहीं था। इसीलिए अलग चैनल बनाया जा रहा है। अपराध या वीआइपी मूवमेंट में इसका सीधा फायदा मिलेगा, क्योंकि सिविल पुलिस के साथ ट्रैफिक के चैनल पर सूचना देकर उन्हें भी अलर्ट किया जाएगा।
एसपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि फिलहाल यातायात पुलिस के 135 प्वॉइंट हैं। मगर 59 वायरलेस सेट ही थे। 100 और सेट आने से हम प्वॉइंट में इजाफा करेंगे। कोशिश होगी कि हर पांच किलोमीटर के दायरे में ट्रैफिक पुलिस की उपलब्धता सुनिश्चित हो।