जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा छात्रा की हत्या का मामला
जागरण संवाददाता,मोदीनगर : छात्रा की हत्या का मामला जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है। शनिवा
जागरण संवाददाता,मोदीनगर : छात्रा की हत्या का मामला जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है। शनिवार के बाद से अनेक सामाजिक व राजनीतिक दलों से जुड़े लोग सड़कों पर उतरकर मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोमवार को भी कई सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोग तहसील पहुंचे और हंगामा किया।
समाजवादी पार्टी से रमेशचंद प्रजापति, सुरेंद्र त्यागी, गजेंद्र मलिक, सपा नगर अध्यक्ष दिग्विजय कश्यप, कांग्रेसी नेता सुनील शर्मा, वीरसैन शर्मा रालोद नेता सतेंद्र तोमर, संजीत नेहरा, आदि अनेकं लोग सोमवार को सुबह तहसील पहुंच गए थे। लेकिन एएसपी उन्हें घंटों बाद कार्यालय में मिले। सभी ने एएसपी को ज्ञापन सौंपकर मामले का जल्द पर्दाफाश करने की मांग की तथा पीड़ित परिवार को आवास, आर्थिक सहायता दिलाए जाने की मांग की। एएसपी ने प्रकरण का जल्द पर्दाफाश कराने व पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया। धर्म रक्षक वीरांगना सेना के बैनर तले चौधरी ममता आर्य, सुरेखा, उषा चौधरी, लक्ष्मी, सरोज, रेशू, सुमन, धीरज कुमार कौशिक आदि लोगों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। उनका कहना था कि मोदीनगर में स्कूली बच्चियों के लगातार अपहरण कर हत्याएं हो रही हैं। लव जेहाद के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। जिसके चलते समाज में भय का माहौल है। लोगों ने बच्चियों की सुरक्षा को लेकर विशेष गंभीरता बरते जाने की मांग को लेकर ज्ञापन भी दिया। एसडीएम ने प्रकरण में कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके अलावा मुलतानी मल मोदी डिग्री कॉलेज परिसर स्थित छात्र संघ कार्यालय में छात्रों के साथ गणमान्य लोगों ने शोकसभा आयोजित की, जिसमें मृतक छात्रा की आत्मशांति के लिए भगवान से प्रार्थना की गई। वक्ताओं ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज के लिए ¨नदा का विषय हैं। लोगों ने पुलिस पर भी मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इस मौके पर छात्र संघ अध्यक्ष लवी च ौधरी, उपाध्यक्ष प्रिया च ौधरी, छात्र नेता शक्ति नेहरा, अर्जुन ¨ढडाला, नरेंद्र शर्मा, मुनीश शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।
-नहीं मिले अधिकारी, दिखी नाराजगी:
सोमवार को विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से जुड़े सैंकड़ों लोग तहसील पर सुबह ही पहुंच गए थे, लेकिन वहां लोगों की सुनने के लिए कोई भी अधिकारी नहीं मिला। एसडीएम के कार्यालय में मौजूद नहीं मिलने पर लोग सीओ कार्यालय में गए, जहां उन्हें 1 बजे तक भी कोई नहीं मिला। लोगों का कहना था कि ऐसे गंभीर प्रकरणों में भी अधिकारियों का कार्यालय में नहीं मिलना साफ बता रहा है कि अधिकारी कानून व्यवस्था को लेकर कितने ¨चतित हैं।