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एक अप्रैल से जियो टैग किए जाएंगे स्वीकृत मानचित्र और ध्वस्तीकरण के आदेश

जीडीए एक अप्रैल से स्वीकृत मानचित्र, ध्वस्तीकरण व सी¨लग के लिए चिह्नित इमारतों को गूगल मैप पर जियो टैग करेगा। अक्षांश और देशांतर की मदद से सटीक लोकेशन मैप पर दर्ज होगी। ऑनलाइन डेटाबेस तैयार किया जाएगा। बेंगलुरु विकास प्राधिकरण और गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटिन विकास प्राधिकरण की तर्ज पर व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाने और ई-ऑफिस तैयार करने की दिशा में जीडीए यह पहला कदम उठाने जा रहा है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने इस संबंध में नियोजन और प्रवर्तन अनुभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 08:26 PM (IST)
एक अप्रैल से जियो टैग किए जाएंगे स्वीकृत मानचित्र और ध्वस्तीकरण के आदेश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए एक अप्रैल से स्वीकृत मानचित्र, ध्वस्तीकरण व सी¨लग के लिए चिह्नित इमारतों को गूगल मैप पर जियो टैग करेगा। अक्षांश और देशांतर की मदद से सटीक लोकेशन मैप पर दर्ज होगी। ऑनलाइन डेटाबेस तैयार किया जाएगा। बेंगलुरु विकास प्राधिकरण और गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटिन विकास प्राधिकरण की तर्ज पर व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाने और ई-ऑफिस तैयार करने की दिशा में जीडीए यह पहला कदम उठाने जा रहा है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने इस संबंध में नियोजन और प्रवर्तन अनुभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं।

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जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि ई-ऑफिस बनाने के लिए सभी सेवाओं और जानकारी को ऑनलाइन करना जरूरी है। उसके लिए संपत्ति, मानचित्र, सड़क, नाले, सीवर और अवैध निर्माण का डेटाबेस मैप पर फीड किया जाएगा। पहले चरण में एक अप्रैल से स्वीकृत मानचित्र, ध्वस्तीकरण व सी¨लग के लिए चिह्नित इमारतों को गूगल मैप पर जियो टैग किया जाएगा। उसका ब्योरा फीड किया जाएगा। जिससे गूगल पर क्लिक करने पर पूर्ण जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि पुराने डेटाबेस को अपलोड करने में वक्त लगेगा।

तैयार करेगा बेस और वेक्टर मैप

शासनादेश है कि रिमोट सें¨सग से जुड़े कार्य सीधे निजी एजेंसी से न कराकर लखनऊ स्थित रिमोट सें¨सग एप्लीकेशन सेंटर (आरएसएसी) से ही कराए जाएं। इस पर अमल करते हुए जीडीए ई-ऑफिस की योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए शहर का बेस और वेक्टर मैप तैयार कराने जा रहा है। आरएसएसी के संपर्क साधा गया है। उनके पास काम ज्यादा है। ऐसे में उनके माध्यम से हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सें¨सग सेंटर को यह जिम्मेदारी दी जा रही है। जीडीए वीसी ने बताया कि बेस मैप साधारण मैप की तरह होगा है। वेक्टर मैप में प्रत्येक प्लॉक की बाउंड्री की निशानदेही की जाती है। उस पर डेटाबेस को इंटीग्रेट किया जा सकता है।

आइटी योजनाओं का ऑडिट होगा : पिछले दस सालों में प्राधिकरण को आधुनिक करने के लिए आइटी संबंधी कई योजनाओं पर काम किया गया। जैसे-जैसे अधिकारी बदलते गए योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गईं। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि संपत्ति के दस्तावेजों के डिजिटलाइजेशन समेत कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। कई ऐसे हैं, जिनके बारे में पता ही नहीं। ऐसे में इतने वर्षों की आइटी से जुड़ी योजनाओं का ऑडिट कराया जाएगा। जिससे सभी योजनाओं का ब्योरा तैयार किया जा सके। जहां उपयोगी हो उनका प्रयोग किया जा सके।


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