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एओए को हैंडओवर कराई जाएंगी बसी हुई ग्रुप हाउसिग सोसायटी

जागरण संवाददाता गाजियाबाद बसी हुई ग्रुप हाउसिग सोसायटियों को अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 10:05 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 10:05 PM (IST)
एओए को हैंडओवर कराई जाएंगी बसी हुई ग्रुप हाउसिग सोसायटी
एओए को हैंडओवर कराई जाएंगी बसी हुई ग्रुप हाउसिग सोसायटी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बसी हुई ग्रुप हाउसिग सोसायटियों को अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) को हैंडओवर कराने के लिए जीडीए ने कवायद तेज कर दी है। प्रवर्तन प्रभारियों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि वह सर्वे कर अपने क्षेत्र की ऐसी सोसायटियों का ब्योरा दें। जिससे बिल्डर और एओए के बीच समन्वय स्थापित कर उनको हैंडओवर कराया जा सके। यूपी-रेरा के निर्देशों पर यह प्रयास दोबारा शुरू किया गया है।

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23 सोसायटी में आरडब्ल्यूए गठित

ग्रुप हाउसिग सोसायटियों में एओए गठित न होने की वजह से आवंटी और बिल्डर के बीच विवादों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जीडीए को इन विवादों का निपटारा करने में दिक्कत आ रही है। जीडीए के रिकॉर्ड की मानें तो जिले में मात्र 23 सोसायटी में एओए गठित है। क्रॉसिग रिपब्लिक, भोपुरा और लोनी क्षेत्र के अंतर्गत बनी किसी सोसायटी में एओए नहीं है। सबसे ज्यादा 18 सोसायटियों में राजनगर एक्सटेंशन में एओए गठित हैं।

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आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र को बना रहे 'ढाल'

बिल्डरों ने आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र की सुविधा को ढाल बना रखा है। 43 सोसायटियों में आवंटियों को आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र के आधार पर कब्जा दिया गया है। इनमें कई सोसायटियों को बसे हुए तीन से चार साल हो गए। फिर भी ये सोसायटियां एओए बनाकर हैंडओवर नहीं की गई। शहर में सबसे ज्यादा ग्रुप हाउसिंग क्रॉसिग रिपब्लिक और राजनगर एक्सटेंशन में हैं। यहीं सबसे ज्यादा अनदेखी की गई है।

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बसी हुई ग्रुप हाउसिग सोसायटियों को एओए के हवाले करने के काम में तेजी लाई जा रही है। सर्वे कराकर ऐसी सोसायटियों को बिल्डरों से एओए को हैंडओवर किया जाएगा।

- संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए


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