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किसान आंदोलन की जमीन पर वोट बैंक की फसल बो रहे भाजपा विरोधी दल

अवनीश मिश्र साहिबाबाद देश की राजधानी दिल्ली की सीमा से सटे यूपी गेट पर सात दिनों से चल रह

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 10:04 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 10:04 PM (IST)
किसान आंदोलन की जमीन पर वोट बैंक की फसल बो रहे भाजपा विरोधी दल

अवनीश मिश्र, साहिबाबाद: देश की राजधानी दिल्ली की सीमा से सटे यूपी गेट पर सात दिनों से चल रहे किसानों के आंदोलन को भारतीय जनता पार्टी के विरोधी दलों ने राजनीति की उपजाऊ जमीन समझ लिया है। इन दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं की सक्रियता सब कुछ बयां कर रही है। इससे साफ है कि भाजपा विरोधी दल किसान आंदोलन की जमीन पर वोट बैंक की फसल बोने में जुट गए हैं। हालांकि किसान नेता इससे वाकिफ हैं, इसलिए बहुत ही फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।

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चाय-नाश्ते के बहाने लगाई हाजिरी: आंदोलनकारी किसानों ने 28 नवंबर की दोपहर में यूपी गेट पर कब्जा जमा लिया, तभी से यहां राजनीतिक दलों के लोग सक्रिय हो गए थे। उस रात आम आदमी पार्टी ने चाय-नाश्ता वितरित करने के बहाने अपनी हाजिरी लगाई। यूपी गेट पर किसानों के स्वागत के होर्डिग टांग दिए थे। 29 नवंबर को सीपीआइएम के कार्यकर्ता समर्थन के बहाने हाथ में झंडा-बैनर लिए झंडापुर से पैदल मार्च करते हुए यूपी गेट पहुंचे। किसानों के बीच पहुंचकर उनके समर्थन में नारेबाजी की। कांग्रेसियों की ओर से चाय व खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी।

आंदोलन को समर्थन देने के लिए पहुंचे राजनीतिक दलों के प्रमुख: किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए एक दिसंबर को बिहार की जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पहुंचे। उन्होंने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को किसानों विरोधी बताया। आलू खरीद पर भी किसान को नुकसान होने की बात की। उसी दिन आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर भी अपने काफिले के साथ यूपी गेट पहुंचे। उन्होंने कौशांबी से यूपी गेट तक सैकड़ों युवाओं के साथ पैदल मार्च कर अपनी ताकत दिखाई। इस दौरान चर्चा फैल गई कि किसान उन्हें आंदोलन स्थल में नहीं घुसने देंगे, इसको लेकर पुलिस के आलाधिकारी भी अलर्ट मोड़ में आ गए। हालांकि भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उनका समर्थन लिया। दो दिसंबर को पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी के सदस्यों ने यूपी गेट पहुंचकर किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया। तीन दिसंबर को कांग्रेस नेता उदित राज यूपी गेट पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की ओर से नहीं आए हैं। वह किसानों के साथ हैं। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार को जमकर घेरा।

नहीं बनने देंगे राजनीति का अखाड़ा: यूपी गेट पर राजनीति दलों के प्रमुखों व नेताओं की सक्रियता बढ़ने पर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि भाकियू ने किसी नेता को निमंत्रण नहीं दिया है। हम इस आंदोलन को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे। अगर कोई आ रहा है, तो भारतीय संस्कृति के अनुसार हम उसका सत्कार करते हैं।


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