प्रशासन रहा अलर्ट , शहर रहा सामान्य
बहुजन क्रांति मोर्चा समेत कई संगठनों ने बुधवार को सीएए एनआरसी और ईवीएम के विरोध में भारत बंद आहवाहन किया था। इसको लेकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग अलर्ट पर रहा। कलक्ट्रेट समेत जिले के अलग-अलग स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। ताकि कोई भी संगठन विरोध में हिसक ना हो जाए।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बहुजन क्रांति मोर्चा समेत कई संगठनों ने बुधवार को सीएए, एनआरसी और ईवीएम के विरोध में भारत बंद आह्वान किया था। इसको लेकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग अलर्ट पर रहा। कलक्ट्रेट समेत जिले के अलग-अलग स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। ताकि कोई भी संगठन विरोध में हिसक ना हो जाए। नवयुग मार्केट पर मोर्चा के आह्वान पर मशाल एक दिशा संस्था व बहुजन क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी, लेकिन पुलिस बल ने कार्यकर्ताओं को आगे नहीं बढ़ने दिया। इसको लेकर कुछ कार्यकर्ताओं की पुलिस से बहस भी हुई, लेकिन बाद में कार्यकर्ताओं ने सीओ प्रथम को अपना ज्ञापन दिया। कैलाभट्ठा में भी बंद का कोई असर नहीं रहा, जहां पिछले दिनों प्रदर्शन हुआ था। मसूरी में कुछ दुकानें बंद रहीं।
भारत बंद के आह्वान को लेकर जिला मुख्यालय से लेकर नवयुग मार्केट सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात रहा। सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ल, सीओ आतिश ने पुलिस बल के साथ जगह-जगह क्षेत्रों का निरीक्षण किया। हालांकि बंद का असर कहीं नहीं मिला। सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि भारत बंद की कोई लिखित पत्र नहीं मिला है, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर सुरक्षा में पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। वहीं, नवयुग मार्केट से प्रदर्शन कर रहे बहुजन क्रांति मोर्चा व मशाल एक दिशा के कार्यकर्ताओं के जिला मुख्यालय पहुंचने की सूचना प्रशासन को मिली, जिसके बाद उन्हें नवयुग मार्केट आंबडेकर पार्क पर पुलिस बल ने रोक दिया और उनका ज्ञापन लिया। बहुजन क्रांति मोर्चा की समर्थक आरती दिनकर ने बताया कि भारत बंद का ऐलान किया गया था। नवयुग मार्केट से मार्च निकाला जाना था लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया है। वहीं, मशाल एक दिशा के महासचिव मनोज नागवंशी ने बताया कि वर्तमान सरकार एनआरसी, सीएए को जबरदस्ती देश पर थोपना चाहती है। देश में बेरोजगारी, भुखमरी व अन्य समस्याओं से जूझ रहा है, जिसकी ओर सरकार का ध्यान नहीं है।
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दो हजार सुरक्षाकर्मियों ने संभाला मोर्चा
एहतियातन दो हजार पुलिसकर्मी संवदेनशील स्थानों और बाजारों में तैनात किए गए। माहौल खराब करने का संदेह होने पर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। सभी क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त किया। वहीं सभी थाने, कलक्ट्रेट, अस्पताल, स्कूल, मस्जिद, बस अड्डा और रेलवे स्टेशनों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। वहीं कुछ स्थानों पर लोगों के एक जुट होने की सूचना मिली। वहां पुलिस ने समय से पहुंच कर लोगो को समझा कर वापस भेज दिया। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि हंगामे और प्रदर्शन न हो और जनपद में शांतिपूर्ण व्यवस्था कायम रहे, इसके लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई थी। पुलिस अधीक्षक नगर और पुलिस अधीक्षक देहात के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में थाना प्रभारियों ने निरीक्षण किया। कैला भट्ठा इलाके में पूर्व में सीएए को लेकर प्रदर्शन हुआ था। मगर बुधवार को बंद कैला भट्ठा पर कोई असर नहीं पड़ा। यहां मार्किट पूरी तरह खुली हुई थी।
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प्रदर्शन से पहले पहुंची पुलिस
थाना प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस को नवयुग मार्केट स्थित आंबेडकर पार्क में प्रदर्शन होने की सूचना प्राप्त हुई थी। चार-पांच लोग पोस्टर लेकर पार्क में आ रहे थे। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझा कर वापस भेज दिया। इस दौरान लोगों ने प्रदर्शन करने की जिद भी की। मगर वह पुलिस के समझाने पर चले गए।
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मसूरी में बंद रहे व्यापारिक प्रतिष्ठान
सीएए और एनआरसी के विरोध में मसूरी में ज्यादातर व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा दुकानें बंद रहीं। नेशनल हाईवे नौ तथा मसूरी-गुलावठी रोड की पर दुकानें भी बंद रहीं। स्थानीय लोग मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए भी परेशान देखे गए। मेडिकल स्टोर बंद होने से मरीजों को काफी परेशानी हुई है। दुकानदारों ने बताया कि एनआरसी के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर 29 जनवरी को दुकानें बंद करने का आह्वान किया गया था। इसलिए दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और मार्केट बंद की गई हैं। हालांकि इस दौरान कोई हिसक मामला सामने नहीं है। मसूरी में पूरी तरह शांति बनी रही।
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मुझे आज भारत बंद का पता नहीं है। यहां तो सभी दुकानें खुली हैं। अब यहां पर सीएए का कोई विरोध नहीं कर रहा है। यहां सबकुछ सामान्य हैं। सभी लोग भाईचारे से रह रहे हैं।
- इकबाल अल्वी, कैलाभट्टा आज सुबह भारत बंद होने की जानकारी हुई थी। मगर यहां पर सभी दुकानें खुली हैं। सब लोग अपने काम पर गए हैं। पहले यहां पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। मगर अब यहां कुछ नहीं है। अब सब अपने काम पर ध्यान दे रहे हैं।
रहीसू, कैलाभट्ठा