ब्लैक और व्हाइट फंगस के मरीज मिलने पर प्रशासन सतर्क, डिकाय कस्टमर रोकेंगे कालाबाजारी
जासं गाजियाबाद कोरोना संक्रमण के मामलों के साथ ही जिले में ब्लैक और व्हाइट फंगस के मरी
जासं, गाजियाबाद: कोरोना संक्रमण के मामलों के साथ ही जिले में ब्लैक और व्हाइट फंगस के मरीज होने क मामले सामने आए हैं। इसको लेकर जिला प्रशासन सतर्क है। कालाबाजारी को रोकने के लिए डिकाय कस्टमर बनाए गए हैं। मरीजों को दवाएं समय पर उपलब्ध कराने के लिए अस्पतालों को जरूरी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
शनिवार को आनलाइन बैठक में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने अस्पतालों के प्रभारियों एवं केमिस्ट और ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कोरोना संक्रमण के मामलों से निपटने की लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी की। ब्लैक और व्हाइट फंगस के मरीजों के उपचार के लिए दवाइयों एवं जीवन रक्षक इंजेक्शन की उपलब्धता निरंतर बनाए रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिग कंपनियों को अपने ऑर्डर आवश्यकता अनुसार समय पर भेज दे ताकि औषधियों की आपूर्ति अस्पतालों को अनिवार्य रूप से की जा सके। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दवाइयों की उपलब्धता मेडिकल स्टोरों एवं अस्पतालों में आवश्यकतानुसार ही की जाए। जिससे की कालाबजारी न होने पाए। डिकाय कस्टमर बनाए गए:
जिलाधिकारी द्वारा औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया गया कि यदि किसी दवाई विक्रेता या रिटेलर द्वारा ओवरचार्जिंग/अभाव बताते हुए दवाई उपलब्ध न कराई जाए तो उसके विरुद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही कराना सुनिश्चित कराएं, इसके लिए डिकाय कस्टमर (नकली कस्टमर) भी बनाए गए हैं। जो भ्रमण कर कालाबाजारी पर अंकुश लगाएंगे। डायबिटिक के मरीज रहें सावधान:
बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों/प्रबंधकों एवं डाक्टर्स को निर्देशित किया कि जो भी मरीज ब्लैक फंगस संक्रमित आ रहें है, उनके रूट का एनालिसिस किया जाए कि वह किन कारणों से ब्लैक फंगस संक्रमण की चपेट में आए हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोग किन कारणों से ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहें है, इसका अध्ययन किया जाये। ताकि इससे लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि डायबिटिक मरीज को ब्लैक फंगस सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। ऐसे में डायबिटिक मरीजों को डायबिटिक नियन्त्रण करने के लिए क्या-क्या प्रयास करने चाहिए इसके लिए प्रत्येक स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
वाट्सएप ग्रुप बनाया:
जिलाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि वह ब्लैक और व्हाइट फंगस का उपचार करने वाले अस्पतालों का वाट्सएप ग्रुप बनाएं, ताकि सभी डाक्टर ग्रुप में महामारी से बचाव, दवाइयों, इंजेक्शन इत्यादि के संबंध में जानकारियां आपस में साझा कर सुगमता से मरीज का इलाज कर सकें। अत्यधिक जरूरत पर दें पोसाकोनाजोल इंजेक्शन:
जिलाधिकारी ने कहा कि ब्लैक फंगस का उपचार करने वाले चिकित्सक मरीज की अत्यधिक जरूरत के अनुसार ही इंजेक्शन दें। ताकि प्रशासन द्वारा ज्यादा आवश्यकता वाले मरीज को पोसाकोनाजोल इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा सके।