भतीजे की हत्या में आजीवन कारावास
मध्यप्रदेश से लोनी में भाई के घर आए अभियुक्त को इकलौते भतीजे की गला घोटकर हत्या करने वाले चाचा को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही अभियुक्त पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अभियुक्त इंदौर में पत्नी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। भतीजे की हत्या के बाद अभियुक्त मध्यप्रदेश में अपनी ससुराल इंदौर भाग गया था वहां पर पत्नी की भी गला दबाकर हत्या कर दी थी।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : इकलौते भतीजे की गला घोटकर हत्या करने वाले चाचा को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषी इंदौर में पत्नी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। भतीजे की हत्या के बाद वह मध्यप्रदेश में अपनी ससुराल इंदौर भाग गया था, वहां पर पत्नी की भी गला दबाकर हत्या कर दी थी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि थाना लोनी क्षेत्र के प्रेमनगर में शरदचंद परिवार के साथ रहता था। 24 अप्रैल 1995 को शरद चंद का भाई दिलीप उसके घर आया। शरद चंद और उसकी पत्नी 25 अप्रैल 1995 को घर से नौकरी के लिए चले गए। इसी दौरान दिलीप ने शरद चंद के इकलौते बेटे प्रिस (10) की गला घोटकर हत्या कर दी और शव बेड में छिपाकर फरार हो गया। शरद चंद की शिक्षिका पत्नी 3:30 बजे शाम को घर आई तो बेटा प्रिस दिखाई नहीं दिया। घर में देवर दिलीप भी नहीं था। मामले की सूचना नोएडा की कंपनी में काम पर गए पति को दी गई। इसके बाद उन्होंने प्रिस को तलाश किया तो उसका शव बेड में मिला। शरद चंद ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस दिलीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उसकी तलाश शुरू कर दी। पता चला कि घटना को अंजाम देने के बाद दिलीप इंदौर अपनी ससुराल में पहुंचा। वहां पहुंचकर उसने अपनी पत्नी की भी हत्या कर दी। इंदौर की कोर्ट दिलीप को उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। बृहस्पतिवार को मामले की अंतिम सुनवाई एडीजे 11 कोर्ट के न्यायाधीश राकेश त्रिपाठी की कोर्ट में चली। कोर्ट ने दिलीप को सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर दोषी पाया।