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निगम ने जारी किया 150 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड

जासं गाजियाबाद चार साल के लंबे इंतजार के बाद नगर निगम ने बुधवार को 8.10 फीसद ब्याज दर पर

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 07:44 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 07:44 PM (IST)
निगम ने जारी किया 150 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड
निगम ने जारी किया 150 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड

जासं, गाजियाबाद: चार साल के लंबे इंतजार के बाद नगर निगम ने बुधवार को 8.10 फीसद ब्याज दर पर बुधवार को दस साल के लिए 150 करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी किया है। इससे इंदिरापुरम में टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) का निर्माण कार्य होगा। इससे गंदे पानी का शोधन कर उसे साहिबाबाद- साइट चार औद्योगिक क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों के प्रयोग में लाने लायक बनाया जाएगा। इससे दो फायदे होंगे, एक तरफ जहां भूजल दोहन पर रोक लगने से जल संरक्षण होगा तो दूसरी तरफ औद्योगिक इकाइयों को उपलब्ध कराए जाने वाले पानी से नगर निगम को आमदनी भी होगी। इस वजह से इसे ग्रीन बॉन्ड नाम दिया गया है। ग्रीन बॉन्ड किसी भी इकाई, सरकारी समूहों या गठबंधनों और कारपोरेट द्वारा जारी किया गया बॉन्ड होता है, जिनका उद्देश्य बॉन्ड से जुटाए गए रुपयों को पर्यावरणीय रूप से वर्गीकृत परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाना है। नगर निगम ने बॉन्ड के जरिये 150 करोड़ रुपये (बेस इशू 100 करोड़ रुपये व ग्रीन इशू ऑप्शन 50 करोड़ रुपये) रुपये का फंड जुटाया है। 150 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड के सापेक्ष कुल 401 करोड़ की 40 आनलाइन बिड्स बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज के आनलाइन बिडिग प्लेटफार्म पर प्राप्त हुईं। गाजियाबाद म्युनिसिपल बॉन्ड चार गुना सब्सक्राइब हुआ। बॉन्ड का सब्सक्रिप्सन 8.10 फीसद के कूपन रेट (तय ब्याज दर) पर हुआ, जो कई म्यूनिसिपल बॉन्ड से कम है। इंदिरापुरम गाजियाबाद में लगेगा प्लांट

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इस बॉन्ड से इंदिरापुरम में टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) का निर्माण कार्य होगा। साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया के लिए इस परियोजना को तैयार किया जा रहा है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 240 करोड़ रुपये की है, जिसकी पार्ट फंडिग गाजियाबाद नगर निगम के ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड से की जाएगी। इस योजना के लिए गाजियाबाद नगर निगम एक फर्म से डीपीआर भी तैयार करा चुका है। योजना के लागू हो जाने से उद्योगों की भूजल पर निर्भरता खत्म होगी। जल दोहन पर भी रोक लगेगी। नगर निगम को इस प्रोजेक्ट से आमदनी भी होगी। नगर निगम उद्योगों से पानी की आपूर्ति के बदले यूजर चार्ज लेगा। ये परियोजना लगभग 27 से 30 माह के अंदर तैयार हो जाएगी।

2016 से बॉन्ड जारी करने का प्रयास किया जा रहा था। प्रदेश सरकार की ओर से साल 2019 में लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगम को बॉन्ड जारी करने की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद सेबी से अधिकृत एजेंसी से क्रेडिट रेटिग कराई गई। बिक्रवर्क एवं इंडिया रेटिग जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा गाजियाबाद नगर निगम कोन् रेटिग दी गई है। बिडिग के दौरान पहले एक मिनट में ही पूरा इशू सब्सक्राइब हो गया, जो गाजियाबाद म्युनिसिपल बॉन्ड में निवेशकों का विश्वास तथा उत्तर प्रदेश सरकार के सुशासन की नीति में विश्वास दिखाता है।

- महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त।


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