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5जी इंटरनेट पर जो टैब खुली होगी उसकी गति होगी तेज

हसीन शाह गाजियाबाद आप 5जी इंटरनेट पर जिस टैब का इस्तेमाल करेंगे उसकी गति बहुत तेज

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 08:49 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 08:49 PM (IST)
5जी इंटरनेट पर जो टैब खुली होगी उसकी गति होगी तेज

हसीन शाह, गाजियाबाद : आप 5जी इंटरनेट पर जिस टैब का इस्तेमाल करेंगे, उसकी गति बहुत तेज होगी। जबकि अन्य टैब की गति सामान्य रहेगी। गाजियाबाद के एडवांस लेवल टेलीकाम ट्रेनिग सेंटर (एएलटीटीसी) पर इस तकनीक का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। यह प्रशिक्षण संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था अंतरराष्ट्रीय दूर संचार संघ, जेनेवा की निगरानी में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में भारत समेत पांच अन्य देशों के इंजीनियर हिस्सा ले रहे हैं।

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अभी भारत में 4जी इंटरनेट है। 5जी इंटरनेट शुरू कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले एएलटीटीसी सेंटर पर ऐसी 5जी तकनीक पर शोध किया गया था, जिससे शरीर पर रेडिएशन का कोई प्रभाव न पड़े। अभी हम इंटरनेट में पर जितनी भी टैब खोलते हैं, सभी की गति समान होती है। नई तकनीक के तहत जिस टैब को हम खोलेंगे या जिस वेबसाइट पर हम ज्यादा रुचि दिखाएंगे उसकी गति खुद तेज हो जाएगी। इसके लिए मशीन लर्निग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें डाटा ट्रांसफर की गति बहुत तेज होगी। अभी अधिकतम 300 मिली सेकंड में प्रति जीबी डाटा ट्रांसफर या वेबसाइट खुलती है। मगर इस तकनीक के बाद 10 मिली सेकंड में प्रति जीबी डाटा ट्रांसफर और वेबसाइट खुलेगी -------- 5जी का खर्च होगा कम

भारत में करीब 3,729 आइएसपी (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) हैं। नई तकनीक से कंपनी की 20 फीसद बिजली कम खर्च होगी। यदि कंपनी वायर से 5जी इंटरनेट कनेक्शन लगाती है तो ग्राहक को प्रति जीबी 2.80 रुपये चुकाने होंगे। हालांकि यह रकम बढ़ सकती है। 5जी इंटरनेट कनेक्टिविटी टावर व सेटेलाइट से मिलेगी। यदि टावर से कनेक्टिविटी नहीं मिलती है तो सेटेलाइट से इंटरनेट चलेगा। टावर की वजह से किसी भी स्थान पर इंटरनेट की असुविधा नहीं होगी।

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आनलाइन होगा प्रशिक्षण

एएलटीटीसी सेंटर के मुख्य महाप्रबंधक महेश कुमार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दूर संचार संघ, जेनेवा से दक्षिण पूर्वी एशिया के कोआर्डिनेटर सीन दौराई की निगरानी में प्रशिक्षण शुरू किया गया है। सेंटर से दिए जा रहे प्रशिक्षण में घाना, तंजानिया, मोजांबिक, मलेशिया, ईरान और भारत के इंजीनियर हिस्सा ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण आनलाइन 12 से 23 अक्टूबर तक चलेगा।


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