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आरटीओ ऑफिस में दो एमबीपीएस स्पीड पर चल रहे 50 कंप्यूटर सिस्टम

संभागीय परिवहन विभाग (आरटीओ) कार्यालय में लाइसेंस रजिस्ट्रेशन परमिट व फिटनेस संबंधी करीब 25 से अधिक ऑनलाइन प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए 50 कंप्यूटर लगे हैं जिनमें 10 से 12 एमबीपीएस स्पीड की जगह मात्र दो एमबीपीएस की स्पीड आ रही है जिससे विभिन्न कार्य के लिए आने वाले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। एआरटीओ की ओर से स्पीड बढ़वाने के लिए मुख्यालय को डिमांड भेजी गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 10:22 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 06:03 AM (IST)
आरटीओ ऑफिस में दो एमबीपीएस स्पीड पर चल रहे 50 कंप्यूटर सिस्टम
आरटीओ ऑफिस में दो एमबीपीएस स्पीड पर चल रहे 50 कंप्यूटर सिस्टम

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : संभागीय परिवहन विभाग (आरटीओ) कार्यालय में लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, परमिट व फिटनेस संबंधी करीब 25 से अधिक ऑनलाइन प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए 50 कंप्यूटर लगे हैं। इनमें 10 से 12 एमबीपीएस स्पीड की जगह मात्र दो एमबीपीएस की स्पीड मिल रही है। स्पीड कम होने की वजह से विभिन्न कार्य के लिए आने वाले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। एआरटीओ की ओर से स्पीड बढ़वाने के लिए मुख्यालय को डिमांड भेजी गई है।

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आरटीओ विभाग में लाइसेंस और वाहनों से संबंधित 25 से अधिक प्रक्रियाएं ऑनलाइन होती हैं। वाहन संबंधित कार्य वाहन-4 और लाइसेंस के कार्य सारथी-4 सॉफ्टवेयर पर किए जाते हैं। इनमें लाइसेंस आवेदक के दस्तावेजों का सत्यापन, बायोमीट्रिक, लर्निंग टेस्ट, संशोधन, पुराने विवरण का सॉफ्टवेयर पर अपडेट, फिटनेस शुल्क, अनुमति, जांच रिपोर्ट अपडेट करना, परमिट लागू करना, निजी और व्यावसायिक वाहनों का पंजीकरण, टूर परमिट कराना, चालान शुल्क भुगतान, अंतराष्ट्रीय लाइसेंस पंजीकरण आदि कार्य के लिए अधिकारी और बाबू कंप्यूटर सिस्टम पर काम करते हैं।

गाजियाबाद संभागीय परिवहन कार्यालय में गाजियाबाद के अलावा गौतमबुद्धनगर बुलदंशहर व हापुड़ जनपदों का कार्य भी होता है। यहां लगे सिस्टम पर इंटरनेट की स्पीड सिर्फ दो एमबीपीएस की मिलती है। आए दिन यहां सर्वर डाउन होने से इंटरनेट न चलने की शिकायत आम है। इसका खामियाजा यहां लाइसेंस व वाहन संबंधी कार्य लेकर आने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है। लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया केवल पांच से दस मिनट में पूरी हो सकती है, लेकिन इसके लिए आवेदक को एक घंटे तक का समय लगता है। वहीं वाहनों की फिटनेस जांच कराने आए चालकों को तीन से चार घंटे लगते हैं। कहने को कार्यालय में काम दोपहर दो बजे तक होता है, लेकिन इंटरनेट की धीमी स्पीड के चलते शाम छह बजे तक आवेदक विभाग में जमे रहते हैं।

हर सिस्टम पर 80 केबीपीएस की इंटरनेट गति

आरटीओ कार्यालय में चार एमबी की सर्वर स्पीड है। इस पर कार्यालय में 50 सिस्टम लगे हुए हैं। डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर प्रवीण त्यागी ने बताया कि एक सिस्टम केवल 80 किलोबाइट प्रति सेकेंड इंटरनेट गति से चलते हैं। इसके कारण ऑनलाइन कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ता है। दस्तावेज के सत्यापन और परमिट करने में सबसे आती है।

प्रतिदिन पहुंचते हैं तीन हजार से अधिक आवेदक

आरटीओ कार्यालय में प्रतिदिन औसतन तीन हजार से अधिक लोग वाहन व लाइसेंस आदि कार्यों के लिए आते हैं। एक दिन में करीब 1000 से अधिक लाइसेंस आवेदक, करीब 100 वाहन फिटनेस के लिए, परमिट और पंजीकरण के लिए 500 से अधिक एवं 150-200 लोग करीब लाइसेंस संशोधन कराने, इसके अलावा डुप्लीकेट आरसी, पंजीकरण संशोधन, टूर परमिट अन्य सेवाओं के आवेदक पहुंचते हैं। एक सिस्टम को उचित गति से कार्य के लिए कम से कम 256 किलोबाइट प्रति सेकेंड की इंटरनेट गति की जरूरत होती है। इस लिहाज से विभाग में 12 मेगाबाइट प्रति सेकेंड स्पीड की जरूरत है। इसके लिए मुख्यालय से मांग की गई है।

-विश्वजीत सिंह, एआरटीओ प्रशासन


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