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डबल आवंटन के संकट से 450 परिवारों को मुक्ति मिलने की उम्मीद

डबल आवंटन के संकट में फंसे 450 परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इतने प्रकरणों को डबल आवंटन की श्रेणी से बाहर रखने की सिफारिश शासन से की है। प्राधिकरण ने ईडब्ल्यूएस होते हुए उससे बड़े मकान के आवंटन को डबल आवंटन न मानने का सुझाव दिया है। पहले आवंटित मकान को बेच कर जीडीए से खरीदे दूसरे को इस श्रेणी से बाहर रखने की सिफारिश की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 09:55 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 09:55 PM (IST)
डबल आवंटन के संकट से 450 परिवारों को मुक्ति मिलने की उम्मीद

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : डबल आवंटन के संकट में फंसे 450 परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इतने प्रकरणों को डबल आवंटन की श्रेणी से बाहर रखने की सिफारिश शासन से की है। प्राधिकरण ने ईडब्ल्यूएस होते हुए उससे बड़े मकान के आवंटन को डबल आवंटन न मानने का सुझाव दिया है। पहले आवंटित मकान को बेच कर जीडीए से खरीदे दूसरे को इस श्रेणी से बाहर रखने की सिफारिश की है।

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प्रदेश में आवास आवंटन नीति लागू है। उसके तहत एक व्यक्ति को प्राधिकरण से एक आवास आवंटित हो सकता है। परिस्थितिवश दूसरा आवंटन होने पर एक आवास का आवंटन निरस्त करने का प्रावधान है। 450 परिवार कई वर्षों से इस नीति के तहत डबल आवंटन के संकट में फंसे हुए हैं। ये परिवार रियायत की गुहार लगाते रहे हैं। इस पर प्राधिकरण की तरफ से जांच कराई गई। पाया कि ज्यादातर प्रकरणों में पारिवारिक जरूरतें बढ़ने पर दूसरा आवास लिया गया। ईडब्ल्यूएस होते हुए स्कीम के माध्यम बड़ा आवास लिया गया। कई प्रकरण ऐसे भी सामने आए कि एक आवास बेच कर आवंटी ने स्कीम या नीलामी के जरिए दूसरा आवास खरीद लिया। अधिकारियों ने मंथन के बाद तय कि किया कि दोनों ही सूरत में परिवारों को रियायत दी जानी चाहिए। इन्हें डबल आवंटी की श्रेणी से बाहर किया जाना चाहिए। इस संबंध में प्राधिकरण ने अपनी सिफारिश शासन को भेज दी है। नीति में संशोधन करने की मांग की है।

डबल आवंटन के मामलों में प्रमुख सचिव से बात हुई है। जो लोग पहले ईडब्ल्यूएस में रहते थे, परिवार बढ़ने पर उन्होंने बड़ा मकान खरीद लिया। ऐसे प्रकरण में डबल आवंटन न मानने की सिफारिश की गई है। एक मकान बेच कर जीडीए से खरीदे गए दूसरे मकान को इस श्रेणी से बाहर रखने का सुझाव दिया है।

- कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए

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