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पुरानी किताबें खरीदने के नाम पर की ठगी

इंजीनियरिग छात्र के खाते से पुरानी किताबें खरीदने के बहाने 3600 रुपये उड़ा लिए। ठग ने खुद को सेना से बताकर पैसे लौटाने का आश्वासन दिया लेकिन छात्र के खाते में 50 हजार रुपये का बैलेंस होने की शर्त रखी। झांसे में आकर छात्र ने पिता के खाते से 50 हजार रुपये ट्रांसफर कराए और ठग ने उन्हें भी उड़ा लिया। वहीं ठगी के दो माह तक पीड़ित छात्र पुलिस थाने व साइबर सेल के चक्कर काटता रहा। बुधवार को थाना सिहानी गेट पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 08:00 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 08:00 PM (IST)
पुरानी किताबें खरीदने के नाम पर की ठगी
पुरानी किताबें खरीदने के नाम पर की ठगी

जासं, गाजियाबाद : इंजीनियरिग छात्र के खाते से पुरानी किताबें खरीदने के बहाने 3600 रुपये उड़ा लिए गए। ठग ने खुद को सेना से बताकर पैसे लौटाने का आश्वासन दिया, लेकिन छात्र के खाते में 50 हजार रुपये का बैलेंस होने की शर्त रखी। झांसे में आकर छात्र ने पिता के खाते से 50 हजार रुपये ट्रांसफर कराए और ठग ने उन्हें भी उड़ा लिया। वहीं ठगी के दो माह तक पीड़ित छात्र पुलिस थाने व साइबर सेल के चक्कर काटता रहा। बुधवार को थाना सिहानी गेट पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज की।

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नेहरूनगर निवासी वरुण राणा कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर रहे हैं। द्वितीय वर्ष के छात्र ने बताया कि उनके पास एनसीईआरटी की कई किताबें रखी थीं, जिन्हें बेचने के लिए ओएलएक्स पर डाला था। मार्च में किताब खरीदने के लिए कॉल आई। कॉलर ने खुद को दिल्ली में तैनात सेना का जवान बताया और अपना आधार व आइडी कार्ड भी भेजा। वरुण ने सेना के नाम पर उसे 500 रुपये का डिस्काउंट देने की बात कही। ठग ने बाकी के रुपये तुरंत ऑनलाइन भेजने का झांसा दे क्यूआर कोड भेजा। इसे स्कैन करने पर पहले दो हजार रुपये और फिर 1600 रुपये छात्र के खाते से कट गए। छात्र ने जब आरोपित को फोन किया तो उसने तुरंत खुद के सेना में होने की बात दोहराते हुए कहा कि वह रुपये लौटा देगा। उसे भी नहीं पता कैसे रुपये कट गए। कहा कि वह सिर्फ उसी खाते में रुपये भेज सकता है, जिसमें 50 हजार रुपये का बैलेंस हो। इस पर छात्र ने अपने पिता के खाते से अपने खाते में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कराए और फिर आरोपित ने फोन को हैक कर ये रुपये भी उड़ा लिए। पीड़ित के मुताबिक वह दो माह से पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। हालांकि इस दौरान बैंक की मदद से पीड़ित ने 18 हजार रुपये की ट्रांजेक्शन रुकवा ली, जिसे बैंक ने उनके खाते में क्रेडिट कर दिया।


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