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सोसायटी में फ्लैट बेचने के नाम पर युवक से 25.69 लाख की ठगी

जागरण संवाददाता गाजियाबाद नगर कोतवाली क्षेत्र के रेलवे स्टेशन रोड बजरिया निवासी एक युवक के साथ फ्लैट दिलाने के नाम पर 25.69 लाख रुपये की ठगी की गई है। आरोपितों ने फ्लैट की एवज में रकम ले ली और फ्लैट भी आवंटित कर दिया। वहीं पिछले 10 सालों में भी फ्लैट तैयार करके नहीं दिया। आरोप है कि आरोपितों ने अपना कार्यालय भी बंद कर दिया। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस पर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीन आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 08:20 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 08:20 PM (IST)
सोसायटी में फ्लैट बेचने के नाम पर युवक से 25.69 लाख की ठगी
सोसायटी में फ्लैट बेचने के नाम पर युवक से 25.69 लाख की ठगी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नगर कोतवाली क्षेत्र के रेलवे स्टेशन रोड बजरिया निवासी एक युवक के साथ फ्लैट दिलाने के नाम पर 25.69 लाख रुपये की ठगी की गई है। आरोपितों ने फ्लैट की एवज में रकम ले ली और फ्लैट भी आवंटित कर दिया। वहीं पिछले 10 सालों में भी फ्लैट तैयार करके नहीं दिया। आरोप है कि आरोपितों ने अपना कार्यालय भी बंद कर दिया। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस पर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीन आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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रेलवे रोड बजरिया निवासी निखिल मित्तल एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। उनका कहना है कि एक कंपनी की सीईओ सोमा चंद्रा और निदेशक पुनीत त्यागी व विकास त्यागी ने दिल्ली के बुराड़ी और आरडीसी में कंपनी का कार्यालय खोला था। उन्होंने राजनगर एक्सटेंशन में अपनी एक साइट का दावा करते हुए प्रचार शुरू किया। उनके पास भी वर्ष 2011 में एक फ्लैट के लिए आवेदन आया। आरोपितो ने उन्हें तीन कमरों के एक फ्लैट का प्रस्ताव दिया और इसकी कीमत 26.22 लाख रुपये बताई और वर्ष 2015 में फ्लैट देने का वादा किया।

आरोपितों ने कहा कि सोसायटी का जीडीए से नक्शा स्वीकृत हो चुका है। निखिल ने अपनी मां के नाम से फ्लैट बुक कराया और इसकी एवज में कई बार में 25.69 लाख रुपये जमा करा दिए। आरोप है कि तय समय पर फ्लैट तैयार नहीं किया गया और अतिरिक्त पैसों की मांग की जाने लगी। उन्होंने कंपनी के पते पर नोटिस भेजा तो डाक विभाग द्वारा पता चला कि संबंधित पते पर कंपनी है ही नहीं। आरोपित दोनों कार्यालय बंद कर फरार हो गए।


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