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जीडीए की लापरवाही से नाले में गिरकर हुई थी बच्ची की मौत

संशोधित : जीडीए की लापरवाही से नाले में गिरकर हुई थी प्रियंका की मौतसंशोधित : जीडीए की लापरवाही से नाले में गिरकर हुई थी प्रियंका की मौतसंशोधित : जीडीए की लापरवाही से नाले में गिरकर हुई थी प्रियंका की मौतसंशोधित : जीडीए की लापरवाही से नाले में गिरकर हुई थी प्रियंका की मौतसंशोधित : जीडीए की लापरवाही से नाले में गिरकर हुई थी प्रियंका की मौतसंशोधित : जीडीए की लापरवाही से नाले में गिरकर हुई थी प्रियंका की मौत

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 09:26 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 09:26 PM (IST)
जीडीए की लापरवाही से नाले में गिरकर हुई थी बच्ची की मौत

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के पिनाकल टावर के सामने नाले में गिरकर हुई कनावनी निवासी बच्ची प्रियंका की मौत मामले में जीडीए अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। जिलाधिकारी द्वारा कराई गई मजिस्ट्रीयल जांच में सात अधिकारियों की पूर्ण व दो अधिकारियों की आंशिक लापरवाही उजागर हुई है। इसके चलते प्रशासन ने अमुक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा है। इसके साथ ही प्रशासन ने जीडीए उपाध्यक्ष को भी इस घटना से संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।

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बता दें कि इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के कनावनी में रहने वाले संतोष कुमार नोएडा सेक्टर 63 की एक कंपनी में नौकरी करते हैं। 19 अक्टूबर की रात संतोष पत्नी राधा, बेटी प्रियंका (8), पुत्र रितेश (5), मुकेश(3) और सोनू(1) के साथ इंदिरापुरम की शक्तिखंड स्थित रामलीला में रावण दहन देखने गए थे। रात करीब साढ़े दस बजे सभी घर लौट रहे थे। बेटी और पिता आगे चल रहे थे। पिनाकल टॉवर पास पहुंचकर अचानक प्रियंका का पैर फिसल गया और वह वह ढलान पर बने गड्ढे से होती हुई गहरे नाले में जा गिरी। पिता ने उसे निकालने का प्रयास किया तो वह भी नाले में जा गिरे। नाले के बहाव में प्रियंका बहती गई। पिता और मां ने शोर मचाया तो आसपास के लोग एकत्र हुए। इसके बाद मौके पर स्थानीय लोगों, एनडीआरएफ व पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद संतोष को सकुशल बाहर निकाल लिया जबकि प्रियंका की मौत हो गई। उसका शव 14 घंटे बाद 20 अक्टूबर को बरामद हुआ। इस घटना के बाद जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने उप जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में मजिस्ट्रीयल जांच शुरू कराई थी। मजिस्ट्रीयल जांच में पाया गया कि जीडीए के अभियंताओं व अधिकारियों द्वारा सुरक्षा की ²ष्टि से नाले को सही समय से नहीं ढका गया, इस कारण यह घटना हुई और प्रियंका की मौत हुई। जांच में जीडीए के सात अधिकारियों की पूर्ण व दो अधिकारियों की आंशिक लापरवाही उजागर हुई है। पूर्ण रूप से दोषी अधिकारियों में अभियंत्रण जोन छह में तैनात सात अभियंताओं, अधिकारियों में अधिशासी अभियंता चक्रेश जैन, प्रभारी अधिशासी अभियंता एसकेएस चौहान, अधिशासी अभियंता हीरालाल यादव, अवर अभियंता बलबीर ¨सह, अवर अभियंता धनपाल कठेरिया, सहायक अभियंता वीपी यादव व सुपरवाइजर छोटे साहू शामिल हैं। जबकि आंशिक रूप से दोषियों में अधिशासी अभियंता मानवेंद्र कुमार व सहायक अभियंता केशव राम शामिल हैं। इसके चलते जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने जीडीए के उत्तरदायी अधिकारियों बरती गई लापरवाही व उदासीनता के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को पत्र भेजा है। इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जीडीए वीसी को भी पत्र भेजा है।


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