1500 आवंटियों को जल्द मिलेगा फ्लैट का कब्जा
उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी-रेरा) ने आवंटियों को उनका घर दिलाने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। जो ग्रुप हाउ¨सग प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, लेकिन विभिन्न विभागों से एनओसी न मिलने की वजह से पूर्णता प्रमाण पत्र पाने से वंचित हैं और आवंटियों को फ्लैट का कब्जा नहीं मिल पा रहा। ऐसे प्रोजेक्ट को जल्द पूर्णता प्रमाण जारी करने के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय करने की जिम्मेदारी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को दे दी गई है। कहा गया है कि जल्द एनओसी की प्रक्रिया पूर्ण करा कर पूर्णता प्रमाण जारी किया जाए।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी-रेरा) ने आवंटियों को उनका घर दिलाने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। जो ग्रुप हाउ¨सग प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, लेकिन विभिन्न विभागों से एनओसी न मिलने की वजह से पूर्णता प्रमाण पत्र पाने से वंचित हैं और आवंटियों को फ्लैट का कब्जा नहीं मिल पा रहा। ऐसे प्रोजेक्ट को जल्द पूर्णता प्रमाण जारी करने के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय करने की जिम्मेदारी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को दे दी गई है। कहा गया है कि जल्द एनओसी की प्रक्रिया पूर्ण करा कर पूर्णता प्रमाण जारी किया जाए।
जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि यूपी-रेरा के चेयरमैन ने पिछले दस वर्षों में शुरू हुए ग्रुप हाउ¨सग प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी। इनमें से ज्यादातर पूरे हो चुके हैं। 40 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनको पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं जारी हो सके हैं। हालांकि, इनमें से भी ज्यादातर में आवंटी फ्लैट में बिना रजिस्ट्री रहने लगे हैं। करीब 1500 आवंटी ऐसे भी हैं जिन्हें रेरा लागू होने के बाद से फ्लैट का कब्जा नहीं मिल पा रहा। उन्होंने बताया कि अग्निशमन, विद्युत सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत कई विभागों से एनओसी न मिलने के कारण इन प्रोजेक्टों को पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं मिला है। इस वजह से इनकी रजिस्ट्री रुकी हुई है। जीडीए वीसी ने बताया कि प्राधिकरण की सीमाएं निर्धारित हैं, बिना एनओसी के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता। पूर्णता प्रमाण पत्र करने के बाद कोई घटना-दुर्घटना होती है तो उसके लिए प्राधिकरण जिम्मेदार माना जाता है। उन्होंने बताया कि यूपी-रेरा चेयरमैन के निर्देश पर जल्द बैठक करने का निर्णय लिया गया है। पहले प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ समीक्षा करके मालूम किया जाएगा कि किन विभागों की एनओसी न मिलने पर पूर्णता प्रमाण पत्र के आवेदन निरस्त किए गए। फिर एनओसी जारी करने वाले सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए बैठक की जाएगी।