एक साल में कराए 120 करोड़ के विकास कार्य, स्वच्छता के लिए जीता खिताब : मेयर
नगर निगम में पिछले एक साल में 120 करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए। स्वच्छ्ता के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने फास्टेस्ट मूवर बिग सिटी के खिताब से नवाजा। स्वच्छ्ता रैं¨कग 351 से 36वें पायदान पर पहुंच गई। शुक्रवार को मेयर आशा शर्मा ने मीडिया से रूबरू होकर बीते एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां बयां करते हुए दावा किया नगर निगम में उनका एक साल बेमिसाल रहा।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नगर निगम में पिछले एक साल में 120 करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए। स्वच्छता के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने फास्टेस्ट मूवर बिग सिटी के खिताब से नवाजा। स्वच्छता रैं¨कग 351 से 36वें पायदान पर पहुंच गई। शुक्रवार को मेयर आशा शर्मा ने मीडिया से रूबरू होकर बीते एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां बयां करते हुए दावा किया नगर निगम में उनका एक साल बेमिसाल रहा। 600 मीट्रिक टन कूड़ा हो रहा निस्तारित
उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र के सौ वार्डों में डोर-टू-डोर कूद कलेक्शन शुरू किया। रोजाना इन वार्डों से लगभग 850 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। उसमें से 200 मीट्रिक टन कूड़े से पिलखुआ में खाद बन नहीं है। 300 मीट्रिक टन कूड़े का प्रताप विहार डं¨पग ग्राउंड वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जा रहा है। 100 मीट्रिक टन कूड़े से पार्क, सब्जी मंडी और साईं उपवन में पिट बनाकर खाद बनाई जा रही है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की ट्रै¨कग के लिए उनमें जीपीएस लगाया गया है। दो कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन बना दिए गए हैं। आठ बनाने का कार्य चल रहा है। फूल पत्ती और पूजन सामग्री से खाद बनाई जा रही है। बाजारों में रात्रिकालीन सफाई कराई जा रही है। 500 कूड़ेदान शहर में लगवाए गए हैं। प्रदूषण कम करने को उठा रहे कदम
शहर में बि¨ल्डग वेस्ट से प्रदूषण होता है। इसके लिए नगर निगम ने ¨हडन विहार में सीएंडडी वेस्ट प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है। इस पर एक करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। 29 दिसंबर को इसका उद्घाटन कराने की तैयारी चल रही है।
उद्योगों को पानी मुहैया कराने का किया वादा
औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण नगर निगम में बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी 6769 इकाइयां हैं। इनमें पानी की जरूरत है, लेकिन नगर निगम सप्लाई नहीं कर पा रहा। मेयर आशा शर्मा ने वादा किया कि औद्योगिक इकाईयों को भरपूर पानी मिलेगा।
बने ¨पक टॉयलेट
शहर में तीन ¨पक टॉयलेट बनाए गए। प्रदेश में पहली बार ऐसे टॉयलेट बनवाए गए। बिजली बचाने के लिए 20 शौचालयों पर सोलर पैनल लगाए गए। 20 शौचालयों पर रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम लगाए गए।