यमुना के बढ़े जल स्तर ने बढ़ाई किसानों की ¨चता
यमुना में छोड़े गए पानी को लेकर किसानों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। किसानों को फसल डूबने का भय सता रहा है। यमुना की खादर में बोई गई कुछ फसल तो पानी के बढ़े स्तर के कारण बर्बाद भी हो गई है।
टूंडला: यमुना में छोड़े गए पानी को लेकर किसानों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। किसानों को फसल डूबने का भय सता रहा है। यमुना की खादर में बोई गई कुछ फसल तो पानी के बढ़े स्तर के कारण बर्बाद भी हो गई है।
यमुना का जल स्तर बढ़ने से यमुना की तलहटी में बसे ग्रामीणों के चेहरों पर ¨चता की लकीरें ¨खच गई हैं। गोकुल बैराज से यमुना में छोड़े गए पानी से यमुना उफान पर हैं। निचले हिस्से में बोई गई अधिकांश फसलें जल मग्न हो गई। कुछ दिन पूर्व हरियाणा और मथुरा के गोकुल बैराज से यमुना में छोड़ा गया पानी किसानों को मुसीबत में डाल रहा है। किसानों का कहना है कि अचानक पानी बढ़ जाने के कारण यमुना की खादर में बोई फसल में पानी भर गया है, जिसकी वजह से चंद दिनों पहले बोई गई फसल पैदा होने से पहले ही खराब हो गई। हालांकि अभी यमुना खतरे के निशान से नीचे बह रही है। यदि जल स्तर में और अधिक वृद्धि हुई तो खड़ी फसलों में भी नुकसान हो सकता है।