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हिरनगांव गोशाला में पांच गोवंश की मौत, पहुंचे अधिकारी

आधा दर्जन से ज्यादा गोवंश मिला बीमार दो मरणासन्न हालत में दो केयर टेकर हटाने के आदेश पशु चिकित्सक के खिलाफ जांच बिठाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 06:06 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 06:06 AM (IST)
हिरनगांव गोशाला में पांच गोवंश की मौत, पहुंचे अधिकारी

संवाद सहयोगी, टूंडला: हिरनगांव की खेमकरन गोशाला में मंगलवार की सुबह पांच गोवंश की भूख से तड़प तड़प कर चार गोवंश मरने की सूचना से खलबली मच गई। एसडीएम, सीओ और बीडीओ ने टीम के साथ स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने केवल एक गाय की मौत होने की पुष्टि की है। लापरवाही मिलने पर पशु चिकित्सक के खिलाफ जांच बिठाई गई है। वहीं दोनों केयर टेकर हटाने के आदेश दिए गए हैं।

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खेमकरनपुर सेठ छदामीलाल के नाम से अस्थाई गोशाला है। इसमें 85 गोवंश है। मंगलवार को एक साथ कई गोवंश की मौत की चर्चा से ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। वहां गायों की दुर्दशा देख उनमें आक्रोश फैल गया। सूचना पर एसडीएम सदर राजेश वर्मा, सीओ टूंडला अभिषेक श्रीवास्तव, बीडीओ फीरोजाबाद रचना गुप्ता, इंस्पेक्टर केडी शर्मा और क्षेत्रीय पशुधन प्रसार अधिकारी डा. आदित्य कुमार वहां पहुंच गए।

जांच पड़ताल के बाद एसडीएम ने बताया कि एक गाय की मौत हुई है। बाकी चार गाय बीमार मिलीं। उन्हें उपचार दिया गया है। पशुधन प्रसार अधिकारी द्वारा समय से इलाज न दिए जाने के कारण पूरे मामले की जांच कराने के लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा गया है। वहीं बीडीओ ने बताया कि केयर टेकर सलमान एवं इब्राहिम को हटाने के आदेश पंचायत सचिव को दिए गए हैं।

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पांच में चार गोवंश बताए बाहरी

बीडीओ रचना गुप्ता ने बताया कि गोशाला में केवल एक गाय मरी है। बाकी चार मृत गोवंश ग्रामीणों द्वारा फेंके गए थे। हालांकि उन्होंने ये माना कि पंचायत चुनाव की व्यस्तता के चलते गोशाला में थोड़ी लापरवाही हुई है। व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गोशाला में गोवंश को ठीक से चारा पानी नहीं दिया जा रहा था। जिससे उनकी मौत हो रही है। सुबह चार गोवंश के शव अधिकारियों के आने से पहले दफना दिए गए।

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गोशाला से बिक रहा गोबर, ग्रामीणों ने लौटाए ट्रैक्टर

गोशाला से गोबर की भी बिक्री हो रही है। गायों की मौत के बाद ग्रामीण एकत्रित थे, उसी वक्त ट्रैक्टर ट्राली को लेकर तीन लोग गोबर भरने पहुंच गए। ग्रामीणों का आरोप था पशु चिकित्सक ने गोबर बेच दिया है। वहीं डा. आदित्य का कहना है पंचायत सचिव साबिर अली को नीलामी के बाद गोबर बिक्री के लिए कहा था। ग्रामीणों के विरोध के चलते गोबर लेने आने वाले खाली ट्रैक्टर लेकर लौट गए।


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