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नगर निगम के टेंडरों को लेकर भाजपा पार्षद हुए दो फाड़

प्रक्रिया पर सवाल उठाने पर पार्षद प्रतिनिधि के खिलाफ खोला मोर्चा उपसभापति बोले एक भी आरोप सही निकला तो दूंगा पद से इस्तीफा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 06:12 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 06:12 AM (IST)
नगर निगम के टेंडरों को लेकर भाजपा पार्षद हुए दो फाड़

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : नगर निगम के करोड़ों के टेंडरों को लेकर भाजपा पार्षद दो फाड़ हो गए हैं। शुक्रवार को पार्षदों के एक गुट ने अधिकारी व ठेकेदारों पर टेंडर मैनेज करने का आरोप लगाते हुए प्रक्रिया निरस्त करने की मांग उठाई थी। शनिवार को दूसरे गुट के पार्षदों ने विकास कार्यो में अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए पार्षद प्रतिनिधि के खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई की मांग उठाई है।

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शनिवार को मोनार्क होटल में आयोजित वार्ता में उपसभापति योगेश शंखवार ने कहा कि पार्षद प्रतिनिधि द्वारा उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, वह निराधार हैं। जिला व पुलिस प्रशासन जांच करा सकता है। यदि कोई आरोप सिद्ध होता है तो उपसभापति पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं। पार्षद अजय गुप्ता ने कहा कि कुछ पार्षदों द्वारा शहर में होने वाले विकास कार्यो में अवरोध उत्पन्न किया जा रहा है। पार्षद पति कृष्ण मुरारी अग्रवाल द्वारा अधिकारी व ठेकेदारों पर टेंडर मैनेज करने के आरोप लगाए हैं, इसकी हम सभी पार्षद घोर निंदा करते हैं। पार्षद पति का कार्य विकास कार्यो में अवरोध उत्पन्न करना, समझौता न करने वालों के खिलाफ अधिकारियों को कार्रवाई के लिए बाध्य करना है। भाजपा पार्षदों ने एक स्वर से पार्षद पति के खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई की मांग उठाई। वार्ता में पूर्व उपसभापति संतोषी राठौर, विमला देवी राठौर, विनाका देवी, निहाल सिंह कुशवाहा, गेंदालाल राठौर, नरेश कुमार, विद्याराम शंखवार आदि उपस्थित रहे।

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करोड़ों के टेंडरों पर ननि ने बिठाई जांच, मांगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: शहर में करोड़ों के बजट से विकास कार्य कराने को नगर निगम द्वारा ठेकेदारों से टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। भाजपा पार्षदों एक गुट द्वारा टेंडर मैनेज करने की शिकायत की गई है। पार्षदों की शिकायत पर नगर आयुक्त ने ई-टेंडर प्रक्रिया पर जांच बिठा दी है।

नगर निगम सीमा के अंतर्गत 15वें वित्त आयोग के तहत 37.50 करोड़ के बजट से 158 स्थानों पर सड़क, फुटपाथ व नाली निर्माण सहित अन्य कार्य कराए जाने हैं। इसके लिए पिछले माह ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई थी। नौ अप्रैल को टेक्निकल बिड खोली जानी थी। इससे पहले भाजपा पार्षदों के एक गुट ने अधिकारी व ठेकेदारों पर करोड़ों के टेंडर मैनेज करने का आरोप लगाते हुए ई-टेंडर प्रक्रिया निरस्त करने की मांग उठाई है। पार्षदों की लिखित शिकायत के आधार पर नगर आयुक्त विजय कुमार ने टेंडर प्रक्रिया की जांच कराई जा रही है। प्रभारी अपर नगर आयुक्त शिव सिंह को जांच अधिकारी नामित किया है। पार्षदों की शिकायत के बिंदुओं की जांच करते हुए उनसे दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। नगर आयुक्त ने बताया कि टेंडर मैनेज करने के संबंध में कुछ पार्षदों ने लिखित शिकायत की गई है। इसी आधार पर टेंडर प्रक्रिया की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। - मात्र 76 कार्यों के लिए ठेकेदारों ने डाले टेंडर: नगर निगम द्वारा 158 कार्यों के लिए ठेकेदारों से टेंडर मांगे गए थे। पार्षदों की गुटबाजी के चलते अब तक टेक्निकल बिड नहीं खोली गई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो 158 में से मात्र 76 कार्यों के लिए ही ठेकेदारों द्वारा टेंडर डाले गए हैं।


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