भगवान के दरबार में भी रहेगा पाबंदी का पहरा
भगवान के दरबार में भी रहेगा पाबंदी का पहरा
संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद: सरकार ने आठ मई से धार्मिक स्थल खोलने का निर्णय के बाद मंदिर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं पर पाबंदी का पहरा रहेगा। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए उन्हें प्रभु के दर्शन करने से पहले सैनिटाइजर से हाथ धुलने और मास्क लगाना अनिवार्य होगा। एक बार में सिर्फ दस श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति होगी।
लॉक डाउन में 70 दिन से सभी धार्मिक स्थलों के पट बंद हैं। सुबह और शाम महंत ही देवी-देवताओं की आरती कर पूजा अर्चना करते हैं। अब केंद्र सरकार ने आठ जून से धार्मिक स्थल खोलने का निर्णय लिया है। इसको देखते हुए वैष्णो देवी धाम उसायनी, राजराजेश्वरी कैला देवी मंदिर, बड़े हनुमान मंदिर, बालाजी मंदिर, काली देवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर तैयारी शुरू कर दी है, ताकि नियमों का पालन कराया जा सके। वहीं शहर स्थित दिगंबर जैन मंदिरों में भी तैयारियां चल रही हैं। चंद्रप्रभ मंदिर, अटा वाला मंदिर और छदामी लाल जैन मंदिर खुल जाएंगे और मानकों का पालन करते करते हुए पूजा अर्चना होगी। - ऐसी विपदा की घड़ी कभी नहीं देखी कि मंदिरों के पट भी बंद हुए हो। अब आठ मई से मंदिर खुलेंगे, तो सभी श्रद्धालुओं को सावधानी बरतनी होगी। श्रद्धालुओं को सजगता बरतते हुए शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। किसी भी हाल में भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी।
शिवसुंदर कलौनी, महंत, कैला देवी मंदिर
-मंदिर में सुबह और शाम को श्रद्धालु श्री बिहारी जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। आवश्यकता पड़ने पर बैरिकेटिग भी कराई जाएगी। मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्रत्येक श्रद्धालु को मास्क लगाकर ही प्रभु के दर्शन करने होंगे।
पं. मुन्नालाल शास्त्री, महंत, श्री बिहारी जी मंदिर -वैष्णो देवी धाम खोलने के लिए तैयारियां शुरू करवा दी गई है। अब तक दो पुजारी पूजा कर रहे थे। मंदिर के बाहर और अंदर परिसर में सफाई शुरू कर दी गई है। सैनिटाइजर मशीन लगाई जाएगी। इसके साथ ही बेरीकेडिग भी बनवाई जा रही है। गाइडलाइन का पूरा पालन होगा। ललितेश अग्रवाल जैन, अध्यक्ष वैष्णो धाम समिति
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