लॉकडाउन का सन्नाटा छंटा तो चमका सैलून का चांद
लॉकडाउन का सन्नाटा छंटा तो चमका सैलून का चांद
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: लॉकडाउन में शहर सन्नाटे में था तो सैलून में जमकर धमाचौकड़ी थी। मड़कियां जाले बुनने में पूरी शिद्दत के साथ जुटी थीं तो शटर के नीचे से आने वाली धूल परतें बनाती रही। उस्तरा सहमा सा बॉक्स में पड़ा रहा और कैंचियां सुबकती रहीं। क्रीम तपिश में अपना लचीलापन खोती रही और आइना बेरंग हो गया। 68 वें दिन अचानक शटर खुला तो जाला बुनने वाली मकड़ियों में खलबली मची। चांदबाबू ने पहले सैलून की सफाई में हाथ दिखाए तो औजार मुस्कराने लगे। इसके साथ ही सैलून वाले चांदबाबू नंबर वन हो गए।
कोरोना की जंग में लॉकडाउन के बाद निगाहों पर सैलून वाले थे। चौथे लॉकडाउन में बाजार खुल गए, लेकिन सैलून वालों पर पाबंदी ही रही। सोमवार से शुरू हुए अनलॉक नंबर वन में हिदायतों के साथ सैलून खुलने की अनुमति मिली। सोमवार को शहर में सैलून खुलना था, लेकिन कोई आगे नहीं आया। इक्का-दुक्का ने सफाई के नाम पर शटर उठाया और बंद कर दिया। मंगलवार को शिकोहाबाद को दायें-बायें की पॉलिसी के साथ बाजार खुला। इस दायरे में केवल एक सैलून आया। वो था चांदबाबू का न्यू लकी हेयर ड्रेसर। नौशेरा निवासी चांद बाबू का कहना था कि हम तो डरे सहमे आए और दुकान खोली। इसके बाद अंदर का हाल देखकर घबरा गए। हम सफाई कर रहे थे, तभी ग्राहकों का आना शुरू हो गया। हर कोई पहले हमारी कटिग कर दो कह रहा था। लगभग दो घंटे तक सफाई के बाद काम शुरू किया। फीरोजाबाद जिले में सबसे पहले चांदबाबू की कैंची और उस्तरे ने कमाल दिखाना शुरू किया और ग्राहकों के चेहरों पर नूर चमकने लगा।
बाहर लगेगा बोर्ड, तौलियां और कपड़ा साथ लाएं
सैलून पर पहुंचने वाले ग्राहकों में पहले ग्राहक जितेंद्र कुमार थे। कम्प्यूटर की दुकान पर काम करने वाले जितेंद्र तो तौलियां लेकर पहुंचे थे, लेकिन बाकी यह कहने लगे कि उन्हें पता ही नहीं था। चांदबाबू कहते हैं कि आज रात को एक बोर्ड लगा दिया जाएगा कि अपना तौलियां और कटिग करवाने के लिए कपड़ा साथ लाएं।