नहीं निकलेगा बारहवफात का जुलूस, मजलिसें होंगी
अधिकारियों के साथ बैठक में उलेमाओं की बनी सहमति -मजलिसों में भी रखा जाएगा नई गाइड लाइन का ध्यान
फीरोजाबाद, जासं: बारहवफात को लेकर शनिवार को पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और शहर के उलेमाओं की एसपी सिटी कार्यालय में बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि कोरोना के खतरे को देखते हुए इस बार सार्वजनिक स्थानों पर कोई कार्यक्रम नहीं होगा, न ही किसी को जुलूस निकालने की अनुमति दी जाएगी।
बारहवफात 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हर साल इस त्योहार पर जुलूस निकाला जाता है, जिसमें हजारों की भीड़ शामिल होती है। इस बार कोरोना के चलते ऐसे आयोजनों पर पाबंदी हैं। शनिवार को इसी संबंध में एसपी सिटी मुकेश कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें सिटी मजिस्ट्रेट कुंवर पंकज भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने उलेमाओं से कहा कि वे कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन का सहयोग करें।
मौलाना शफी कासमी, मौलाना तनवीर उल कादरी ने कहा कि सब लोग जिस तरह अब तक सरकारी गाइडलाइन का पालन करते आ रहे हैं। उसी तरह आगे भी करेंगे। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, इसलिए न कोई जुलूस निकलेगा और न सड़कों पर भीड़ जमा होगी, लेकिन गलियों और घरों में सजावट की जाएगी। मस्जिद, घर और दरगाहों में मजलिस होंगी। उनमें भी दो गज की दूरी और मास्क का ध्यान रखा जाएगा।
बैठक में एलआइयू इंस्पेक्टर आरएस मीणा, करबला कमेटी के अध्यक्ष हिकमत उल्लाह खां, मौलाना इरफान रजा, अनवर हुसैन रिजवी, मुफ्ती तनवीर अहमद, मौलाना अदम मुस्तफा सूफी, मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी, मुफ्ती कासिम रजी आदि मौजूद रहे। शहरकाजी ने सौंपा ज्ञापन:
बैठक में मौजूद शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली, जुलूस आयोजन समीति के पदाधिकारी मौलाना मुजफ्फर हुसैन बरकाती, मौलाना ऐनुल हुदा शाहिदी, वाजिद अली नूरी, ने अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें बराहवफात पर पेयजल, सफाई, चूना छिड़काव, रंगोली, पेचवर्क, विधुत आपूर्ति व सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई है।